सिद्धगोडा कांवरिया धाम में मां काली पूजा पंडाल का भव्य उद्घाटन, झामुमो प्रहलाद लोहरा सहित कई गणमान्य हुए शामिल
सिद्धगोडा कांवरिया धाम मंदिर में मां काली पूजा पंडाल का उद्घाटन झामुमो नेता प्रहलाद लोहरा की उपस्थिति में हुआ। स्थानीय नेताओं संतोष सिंह, राजू नाथ जी और अन्य गणमान्य अतिथियों ने मिलकर इस आयोजन को भव्य रूप दिया।
पूर्वी विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर के सिद्धगोडा कांवरिया धाम मंदिर में इस बार के मां काली पूजा पंडाल का उद्घाटन समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता प्रहलाद लोहरा को इस शुभ आयोजन में अतिथि के रूप में शामिल होने का सौभाग्य मिला। इस समारोह में स्थानीय गणमान्य अतिथि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। प्रमुख अतिथियों में संतोष सिंह, राजू नाथ जी, बंशीधर महतो, रवि राज दुबे, सुनील सिंह, अरविंद सिंह, और उदय सिंह का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने इस पावन अवसर पर अपने विचार साझा कर इस आयोजन की गरिमा को बढ़ाया।
झामुमो नेता प्रहलाद लोहरा ने इस अवसर पर कहा, "मां काली की आराधना हमें नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाती है और सच्चाई तथा शक्ति का प्रतीक है। सिद्धगोडा में काली पूजा का यह आयोजन धार्मिक और सामाजिक सांस्कृतिक एकता का उदाहरण है। हम सभी को मिलकर अपने समाज और संस्कृति को संवारने की आवश्यकता है।"
प्रहलाद लोहरा ने आयोजन की सफलता के लिए मंदिर कमेटी को विशेष धन्यवाद भी दिया और सभी गणमान्य व्यक्तियों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
समारोह में उपस्थित अन्य प्रमुख नेताओं ने भी आयोजन को सफल बनाने में अपनी-अपनी भूमिका निभाई। संतोष सिंह ने कहा, "मां काली की कृपा हम सभी पर बनी रहे और हमारा क्षेत्र सदैव प्रगति की ओर अग्रसर हो।" अरविंद सिंह ने इस आयोजन को सभी के सहयोग से सफल बताया और कहा कि धार्मिक आयोजन हमें एकजुट करते हैं और हमें अपने संस्कृति से जोड़ते हैं।
इस प्रकार के आयोजनों में स्थानीय समाज का जुड़ाव काफी महत्त्वपूर्ण होता है। मां काली पूजा में शामिल होकर स्थानीय नागरिकों ने अपनी आस्था और सामूहिक एकता का परिचय दिया। इस मौके पर बच्चों से लेकर वृद्ध सभी ने भाग लिया और माहौल में भक्ति तथा उल्लास की भावना देखने को मिली।
पूजा पंडाल को बड़े ही सुंदर तरीके से सजाया गया था, जहां मां काली की प्रतिमा का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल थे, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने भाग लिया और भक्ति गीतों तथा नृत्य प्रस्तुतियों से माहौल को और भी पावन बनाया।
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