आदित्यपुर में वन विभाग की जमीन की धोखाधड़ी! महिला को मिली जान से मारने की धमकी
आदित्यपुर में जमीन माफियाओं ने वन विभाग की जमीन की रजिस्ट्री कर महिला से ठगी की। पीड़िता को जान से मारने की धमकी मिली। जानें पूरा मामला।
आदित्यपुर, 17 अक्टूबर 2024: सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर में जमीन माफियाओं और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से वन विभाग की जमीन रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया है। इस धोखाधड़ी का शिकार बनी महिला सुधीरा झा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही, महिला के बेटे को जान से मारने की धमकी भी दी गई है, जिससे परिवार डरा हुआ है।
धोखाधड़ी का खुलासा
पीड़िता सुधीरा झा ने बताया कि उन्होंने नारायणपुर के नील कमल चौधरी से 2.57 डिसमिल जमीन 5.80 लाख रुपये में खरीदी थी। इस सौदे में दो दलाल नन्द किशोर सहाय और लाल बाबू सहनी ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। सुधीरा झा ने चेक के माध्यम से नंद किशोर सहाय के खाते में तीन लाख रुपये जमा किए और बाकी की रकम नगद दी। जमीन की रजिस्ट्री 12 जून 2024 को हुई थी।
रजिस्ट्री के बाद सच्चाई आई सामने
जब सुधीरा झा ने दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के लिए आवेदन किया, तो उन्हें पता चला कि यह जमीन वन विभाग की है और इसे रजिस्ट्री नहीं किया जा सकता। इसके बाद उन्हें समझ में आया कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और सारे कागजात भी सौंपे।
धमकी से डरा परिवार
जमीन के कब्जाधारी नीलकमल चौधरी ने सुधीरा झा के बेटे मोहित झा को फोन पर जान से मारने की धमकी दी। इस धमकी से पूरा परिवार डरा हुआ है और उन्होंने पुलिस से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सिस्टम पर उठे सवाल
इस घटना ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग की जमीन की रजिस्ट्री कैसे हुई? रजिस्ट्रार और दलाल लेखक क्या कर रहे थे? इस धोखाधड़ी में किन सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत है? ये सभी सवाल दर्शाते हैं कि माफियागिरी सरकारी तंत्र के अंदर और बाहर दोनों जगह सक्रिय है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन इस घटना ने प्रशासनिक और सरकारी अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
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