Jamshedpur Appointment: कोल्हान विश्वविद्यालय को मिली नई कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता, विश्वविद्यालय में बदलाव की तैयारी!
कोल्हान विश्वविद्यालय को मिली नई कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता! क्या शिक्षकों की समस्याएं हल होंगी? शैक्षणिक सत्र होगा नियमित? जानें उनकी प्राथमिकताएं और संभावित बदलाव!

जमशेदपुर: लंबे इंतजार के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा को आखिरकार स्थायी कुलपति मिल गई हैं। डॉ अंजिला गुप्ता, जो पहले जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति थीं, ने मंगलवार को विधिवत रूप से कोल्हान विश्वविद्यालय का प्रभार संभाल लिया। उनकी नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों में उम्मीदों का माहौल है।
डॉ गुप्ता ने चाईबासा पहुंचकर औपचारिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद कुलपति का पदभार ग्रहण किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अपनी प्राथमिकताएं भी गिनाईं।
कोल्हान यूनिवर्सिटी को स्थायी कुलपति मिलने में देरी क्यों हुई?
कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना 2009 में हुई थी और यह झारखंड के महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में स्थायी कुलपति की अनुपस्थिति के कारण प्रशासनिक फैसलों में देरी हो रही थी। विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी, वोकेशनल शिक्षकों के वेतन भुगतान जैसी समस्याएं बनी हुई थीं। अब जब स्थायी कुलपति की नियुक्ति हो गई है, तो उम्मीद की जा रही है कि विश्वविद्यालय की स्थिति में सुधार होगा।
नई कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता कौन हैं?
- डॉ अंजिला गुप्ता एक अनुभवी शिक्षाविद् हैं, जिन्होंने पहले जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति के रूप में कार्य किया है।
- वे शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधारों के लिए जानी जाती हैं।
- अब उनकी नियुक्ति कोल्हान विश्वविद्यालय के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि वे शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और लंबित समस्याओं के समाधान के लिए जानी जाती हैं।
कुलपति बनने के बाद डॉ गुप्ता की प्राथमिकताएं क्या हैं?
पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ गुप्ता ने स्पष्ट किया कि वे विश्वविद्यालय में कई सुधार लाने की योजना बना रही हैं। उनकी प्राथमिकताएं इस प्रकार हैं:
- शैक्षणिक सत्र को नियमित करना – उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में सत्र नियमित नहीं चल रहा है, इसे प्राथमिकता के आधार पर सुधारा जाएगा।
- छात्रों और शिक्षकों की समस्याओं का समाधान – विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों की विभिन्न समस्याएं लंबित हैं, जिन्हें दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
- शिक्षकों की भर्ती और वेतन भुगतान – उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षकों की कमी को जल्द ही पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
- वोकेशनल शिक्षकों के अनुबंध विस्तार पर विचार – उन्होंने कहा कि अचानक से कोई भी बड़ा बदलाव संभव नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे सभी समस्याओं को हल करने की योजना बनाई जाएगी।
कोल्हान विश्वविद्यालय के सामने चुनौतियां क्या हैं?
- शिक्षकों की कमी: विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
- वोकेशनल शिक्षकों का वेतन भुगतान: अनुबंध आधारित शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा, जिससे वे असंतुष्ट हैं।
- सत्र अनियमितता: समय पर परीक्षाएं और रिजल्ट घोषित न होने से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी: विश्वविद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई है, जिसे सुधारने की जरूरत है।
क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं?
डॉ गुप्ता ने अपने अनुभव और कार्यशैली के आधार पर विश्वविद्यालय को नए स्तर पर ले जाने की बात कही है। उनकी नियुक्ति के बाद छात्रों और शिक्षकों को उम्मीद है कि प्रशासनिक फैसले तेज गति से लिए जाएंगे। आने वाले महीनों में विश्वविद्यालय में क्या बदलाव होंगे, यह देखने लायक होगा।
कोल्हान विश्वविद्यालय को आखिरकार स्थायी कुलपति मिल गईं, जिससे विश्वविद्यालय के प्रशासन और शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। डॉ अंजिला गुप्ता की नियुक्ति एक नए युग की शुरुआत हो सकती है, जहां विश्वविद्यालय को अपनी पुरानी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले महीनों में वे अपने वादों को कितना पूरा कर पाती हैं।
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