Big Loss 2024: रतन टाटा से लेकर जाकिर हुसैन तक, 2024 में कई दिग्गजों ने दुनिया को कहा अलविदा
2024 में जाकिर हुसैन, रतन टाटा, पंकज उधास और अन्य दिग्गजों को खोया। जानें उनकी कहानियां और उनके योगदान, जो हमें प्रेरणा देते रहेंगे। Big Loss 2024: रतन टाटा से लेकर जाकिर हुसैन तक, 2024 में कई दिग्गजों ने दुनिया को कहा अलविदा
रतन टाटा से लेकर जाकिर हुसैन तक, 2024 में कई दिग्गजों ने दुनिया को कहा अलविदा
2024 भारतीय इतिहास में एक ऐसा साल बन गया है, जिसे हम दर्द और गहरी उदासी के साथ याद करेंगे। इस साल, हमने कई महान हस्तियों को खो दिया, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। संगीत के maestros से लेकर उद्योग के दिग्गजों और उभरते सितारों तक, इनकी असमय मौतें हमें उनकी छवि और उनके द्वारा रचे गए इतिहास के साथ छोड़ गई हैं। आइए, जानें उन दिग्गजों के बारे में जिन्होंने इस साल हमें अलविदा कह दिया।
जाकिर हुसैन: तबले की धुनों का अंत
15 दिसंबर 2024 को, दुनिया ने जाकिर हुसैन को खो दिया, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और तबले के जादूगर थे। 73 साल की उम्र में, सैन फ्रांसिस्को में उनका निधन हुआ। उनका कारण Idiopathic Pulmonary Fibrosis (IPF) नामक एक दुर्लभ फेफड़ों की बीमारी था।
1951 में जन्मे हुसैन ने अपने पिता और गुरु उस्ताद अल्ला रक्खा से संगीत की शिक्षा ली। उनकी कला ने भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। 2024 में, उन्हें 66वें ग्रैमी अवार्ड्स में तीन पुरस्कारों से नवाजा गया था, जो उनकी अंतिम उपलब्धियों में से एक था।
रतन टाटा: एक दूरदर्शी नेता का अंत
9 अक्टूबर 2024 को, भारत ने अपने प्रिय उद्योगपति रतन टाटा को खो दिया। 86 साल की उम्र में, उच्च रक्तचाप के कारण दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में कंपनी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। टाटा नैनो से लेकर जगुआर और लैंड रोवर जैसे ब्रांड्स के अधिग्रहण तक, उन्होंने भारत को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर स्थापित किया।
विकास सेठी और ऋतुराज सिंह: टेलीविजन उद्योग में शोक
भारतीय टेलीविजन उद्योग ने इस साल अपने दो प्रतिभाशाली कलाकारों को खो दिया। कसौटी जिंदगी की में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध विकास सेठी का 8 सितंबर 2024 को 48 साल की उम्र में अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वहीं, बनेगी अपनी बात और दिया और बाती हम जैसे शो के लिए प्रसिद्ध ऋतुराज सिंह का 20 फरवरी 2024 को 59 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
पंकज उधास: ग़ज़लों की आवाज़ खामोश हुई
26 फरवरी 2024 को, ग़ज़ल गायकी के महानायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। चिट्ठी आई है जैसे गानों के लिए प्रसिद्ध उधास ने ग़ज़ल को भारतीय संगीत में एक विशेष स्थान दिया। 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
उस्ताद राशिद खान: शास्त्रीय संगीत का एक और सितारा बुझा
9 जनवरी 2024 को, 55 साल की उम्र में, उस्ताद राशिद खान का प्रोस्टेट कैंसर के कारण निधन हो गया। उनकी गायकी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक नई ऊर्जा और गहराई प्रदान की थी।
सुहानी भटनागर: एक उभरते सितारे का असमय अंत
दंगल फिल्म से प्रसिद्ध हुई 19 वर्षीय सुहानी भटनागर का 16 फरवरी 2024 को दुर्लभ बीमारी डर्माटोमायोसाइटिस के कारण निधन हो गया। उनका करियर शुरू होते ही खत्म हो गया, जिससे उनके प्रशंसक और फिल्म उद्योग स्तब्ध रह गए।
शारदा सिन्हा: बिहार की कोकिला का अंत
5 नवंबर 2024 को, शारदा सिन्हा, जिन्हें 'बिहार कोकिला' कहा जाता था, का रक्त विषाक्तता की जटिलताओं के कारण 72 साल की उम्र में निधन हो गया। भोजपुरी, मैथिली और हिंदी में उनके गाए गीत सदैव जीवंत रहेंगे।
वे हमें क्या सिखा गए?
इन दिग्गजों ने अपने क्षेत्रों में जो योगदान दिया है, वह अमूल्य है। जाकिर हुसैन की तबले की थाप से लेकर रतन टाटा के नेतृत्व तक, उनकी कहानियां हमें जीवन की नश्वरता और उनकी अमर विरासत की ताकत याद दिलाती हैं।
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