जमशेदपुर कोर्ट का कड़ा रुख: दो थाना प्रभारियों को शो-कॉज, गवाह पेश न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी!
जमशेदपुर कोर्ट ने बिरसानगर और कदमा थाने के प्रभारियों को गवाह पेश न करने पर शो-कॉज नोटिस जारी किया। जानें दोनों मामलों की पूरी कहानी और कोर्ट का सख्त रुख।
जमशेदपुर: जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे-2 आभाष वर्मा की अदालत ने सोमवार को दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई करते हुए बिरसानगर और कदमा थाने के प्रभारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किया। कोर्ट ने दोनों थाना प्रभारियों को सशरीर उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया है, क्योंकि अदालत के निर्देशों के बावजूद गवाहों को कोर्ट में पेश नहीं कराया गया है।
बिरसानगर हत्याकांड मामला:
बिरसानगर थाने में दर्ज बिरसानगर जोन नंबर 3बी के अनिकेत तिवारी उर्फ नन्हे हत्याकांड मामले में गवाहों की अनुपस्थिति को लेकर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। गवाह सूचक गणेश तिवारी, पुषपाकांत पांडेय, लक्ष्मी गोराई, निवारण गोराई, संजय गोराई, रवि मोहंती, और राकेश कुमार मिश्रा, जो सभी बिरसानगर जोन नंबर 3बी और 3डी के निवासी हैं, अभी तक कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंचे हैं।
गणेश तिवारी के बयान पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, उनके बेटे अनिकेत तिवारी 29 अगस्त 2021 को घर से यह कहकर निकला था कि वह दो दिन में लौट आएगा। 31 अगस्त की शाम उसने अपनी मां को फोन कर बताया कि खाना बनाकर रखें, वह लौट रहा है। एक सितंबर की सुबह सूचना मिली कि अनिकेत का शव छोटू लोहार के कार्यालय के पास खून से लथपथ पड़ा है, जिसकी तेज हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में ब्रम्हा गोराई, आशीष गुरुंग और नकूल गोराई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
कदमा जानलेवा हमला मामला:
कदमा थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में गवाह सूचक अविनाश उपाध्याय, कुनाल साव, शिवम घोष और कमलेश उपाध्याय की अनुपस्थिति भी कोर्ट की नाराजगी का कारण बनी। अविनाश उपाध्याय ने 11 फरवरी 2019 को एफआईआर दर्ज कर बताया था कि सरस्वती पूजा के दिन अपने साथी कुनाल साव के साथ कदमा भाटिया बस्ती स्थित शिवपथ पूजा पंडाल गया था। वहां स्टीफन फ्रांसिस, सुजीत पांडेय, सागर पांडेय, आशीष कुमार झा, अमन गुप्ता, मिहिर मुखर्जी, लोलो और सोनू मुखी ने उसे घेर लिया और गाली-गलौज करते हुए स्टीफन फ्रांसिस ने पहले से दर्ज मामला उठाने को कहा। इसके बाद सुजीत पांडेय और स्टीफन ने चापड़ से हमला कर अविनाश को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में स्टीफन, आशीष कुमार झा और मिहिर मुखर्जी को आरोपी बनाते हुए आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार, मामले के गवाहों को अदालत में पेश कराने की जिम्मेदारी संबंधित थानेदार की है। लेकिन कोर्ट के आदेशों के बावजूद गवाहों को कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए बिरसानगर और कदमा थाने के प्रभारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।
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