Jharkhand Hearing: हाईकोर्ट में सड़क निर्माण पर सुनवाई, सरकार के दावे पर उठे सवाल!
झारखंड हाईकोर्ट में एनएच-220 के पुनर्निर्माण पर सुनवाई हुई। सरकार ने 14 मार्च तक सड़क निर्माण पूरा करने का वादा किया, लेकिन याचिकाकर्ता ने स्टेटस रिपोर्ट की मांग की। जानिए पूरा मामला!

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में एनएच-220 के रसुनचोपा से तिरिंग तक के पुनर्निर्माण को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट को 14 मार्च तक सड़क निर्माण पूरा करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन याचिकाकर्ता ने इस दावे पर सवाल उठाते हुए स्टेटस रिपोर्ट जमा करने की मांग रखी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।
क्या है मामला?
एनएच-220 का यह हिस्सा काफी समय से जर्जर हालत में पड़ा था, जिससे राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। सड़क की दुर्दशा को लेकर अधिवक्ता आकाश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट का ध्यान इस ओर आकर्षित किया।
याचिका में कहा गया था कि इस सड़क का पुनर्निर्माण जरूरी है, क्योंकि यह न केवल यातायात का महत्वपूर्ण मार्ग है, बल्कि आसपास के हजारों लोगों की जीवनरेखा भी है।
सरकार का जवाब और याचिकाकर्ता की आपत्ति
सुनवाई के दौरान झारखंड राज्य सड़क विभाग के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को भरोसा दिलाया कि सड़क निर्माण का कार्य 14 मार्च तक पूरा हो जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस आश्वासन के आधार पर याचिका का निपटारा किया जा सकता है।
हालांकि, याचिकाकर्ता आकाश शर्मा ने इस दावे को लेकर संदेह जताया और न्यायालय से 14 मार्च के बाद एक स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) दाखिल करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी मांग की कि इस रिपोर्ट की एक प्रति उन्हें भी दी जाए, ताकि निर्माण कार्य की वास्तविक प्रगति की निगरानी की जा सके।
अप्रैल में फिर होगी सुनवाई
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को रिकॉर्ड में दर्ज किया और झारखंड राज्य सड़क विभाग को आदेश दिया कि 14 मार्च के बाद स्थिति रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने मामले को अप्रैल के तीसरे सप्ताह में दोबारा सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
झारखंड में सड़कों की स्थिति पर उठ रहे सवाल
झारखंड में सड़कों की स्थिति लंबे समय से विवादों और जनआक्रोश का विषय रही है। राज्य में कई हाईवे और मुख्य सड़कें जर्जर हालत में हैं, जिनके निर्माण कार्य में अक्सर देरी देखी जाती है।
इससे पहले भी राज्य में सड़क निर्माण से जुड़े कई मामलों पर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणियां की हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार सरकार अपने वादे पर खरी उतरती है या फिर याचिकाकर्ता का संदेह सही साबित होता है।
क्या होगा आगे?
अब सबकी नजरें 14 मार्च पर टिकी हैं, जब सड़क निर्माण का कार्य पूरा होने का दावा किया गया है। इसके बाद हाईकोर्ट में पेश की जाने वाली स्टेटस रिपोर्ट से हकीकत सामने आएगी। यदि निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ, तो याचिकाकर्ता फिर से कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को 14 मार्च तक का समय दिया है, लेकिन इस बार जनता की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या सड़क निर्माण का वादा समय पर पूरा होगा या फिर यह भी सिर्फ एक और अधूरा दावा बनकर रह जाएगा।
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