झारखंड-ओडिशा बॉर्डर पर बने चेकपोस्ट को असामाजिक तत्वों ने क्यों फूंका?
झारखंड-ओडिशा बॉर्डर पर बने चेकपोस्ट को असामाजिक तत्वों ने क्यों फूंका? जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके असर के बारे में.
वर्षों से झारखंड-ओडिशा बॉर्डर पर खनिज पदार्थों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए रसूनचोपा पंचायत भवन के पास चेकपोस्ट बनाया गया था। यहाँ मजिस्ट्रेट और जवान झोपड़ी में रहकर ड्यूटी करते थे। हाल ही में कुछ असामाजिक तत्वों ने इस चेकपोस्ट की झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया।
लोकसभा चुनाव के दौरान इस झोपड़ी को मजबूती से बनाया गया था ताकि खनिज पदार्थों का अवैध परिवहन रोका जा सके। शाम 8 बजे से सुबह 8 बजे तक बिना चालान के खनिज पदार्थों का परिवहन होता था। एनजीटी के आदेश के बावजूद अवैध रूप से बालू का परिवहन जारी है, जिससे सरकार को राजस्व की भारी हानि हो रही है।
स्थानीय निवासी हिमांशु सरदार ने बताया कि झारखंड-ओडिशा बॉर्डर पर बालू और गिट्टी का भारी मात्रा में अवैध परिवहन होता है। संभवतः इसी गैंग के लोगों ने झोपड़ी को जलाया है। पीयूष मंडल ने कहा कि यह झोपड़ी गर्मी और बरसात में जवानों और पंचायत आने वाले लोगों के लिए आश्रय का साधन थी।
लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं, ऐसे में इस चेकपोस्ट का उपयोग फिर से किया जाना है। लेकिन इस घटना से असामाजिक तत्वों की चुनौती और सरकार को हो रहे राजस्व के नुकसान पर चिंता बढ़ गई है।
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