Jharkhand Operation: जंगल में छिपी नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, भारी मात्रा में हथियार बरामद
चाईबासा में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी! जंगल में छिपे नक्सली ठिकाने को किया ध्वस्त, भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद। पढ़ें पूरी खबर।

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में सुरक्षाबलों को एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सली ठिकाने को ध्वस्त कर दिया और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया। सुरक्षाबलों ने मौके पर ही विस्फोटकों को नष्ट कर दिया, जिससे नक्सलियों की एक और साजिश पर पानी फिर गया।
जंगल में था नक्सलियों का छिपा ठिकाना
सुरक्षाबलों ने वनग्राम दिरीबुरू और आसपास के जंगली-पहाड़ी इलाके में गुप्त सूचना के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया था। पुलिस को लंबे समय से इस इलाके में नक्सल गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी। रविवार को भी इसी क्षेत्र में पुलिस ने एक नक्सल ठिकाने पर कार्रवाई की थी और अब एक और ठिकाने को ध्वस्त कर दिया गया है।
2022 से जारी है ऑपरेशन, पुलिस को मिल रही बड़ी सफलताएं
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में भाकपा (माओवादी) के खिलाफ 2022 से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षाबलों ने इस दौरान गोईलकेरा, छोटा कुईड़ा, मारादिरी, मेरालगड़ा, हाथीबुरू, कटम्बा, बायहातु बोरोय, लेमसाडीह, टोंटो, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरु, लुईया जैसे इलाकों में बड़े ऑपरेशन किए हैं। पुलिस को लगातार बड़ी कामयाबी मिल रही है, जिससे नक्सलियों का नेटवर्क कमजोर पड़ता जा रहा है।
नक्सलियों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान - एसपी
चाईबासा जिले के एसपी ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान और तेज होगा। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में चाईबासा जिला पुलिस, सीआरपीएफ की 197 बटालियन और झारखंड जगुआर के जवान शामिल थे। एसपी के मुताबिक, नक्सलियों को पूरी तरह खत्म करने तक यह अभियान जारी रहेगा।
नक्सली नेता अभी भी इलाके में सक्रिय
हालांकि, अब भी कई शीर्ष नक्सली नेता कोल्हान और सारंडा के जंगलों में सक्रिय हैं। इनमें मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत, रापा मुंडा जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी अपनी टीमों के साथ घातक गतिविधियों की फिराक में हैं।
सुरक्षाबलों की मजबूत रणनीति, नक्सलियों की कमर टूट रही
पुलिस और सुरक्षाबलों ने कोबरा 203 BN, 209 BN, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ 26 BN, 60 BN, 134 BN, 174 BN, 193 BN, 197 BN की टीमों के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन दल गठित किया है। इस दल का लक्ष्य इलाके से नक्सलियों को पूरी तरह खत्म करना और शांति बहाल करना है।
क्या नक्सली अब झारखंड से होंगे खत्म?
झारखंड लंबे समय से नक्सल प्रभावित राज्य रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं। जिस तरह लगातार ऑपरेशन में नक्सली ठिकाने तबाह किए जा रहे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि झारखंड से नक्सलवाद जल्द ही खत्म हो सकता है।
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