Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, पेश हुआ 4296 करोड़ का अनुपूरक बजट

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू हुआ। वित्त मंत्री ने 4296 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। सत्र का शेड्यूल और शिबू सोरेन के निधन से जुड़ी पूरी जानकारी पढ़ें।

Aug 22, 2025 - 13:24
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Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, पेश हुआ 4296 करोड़ का अनुपूरक बजट
Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, पेश हुआ 4296 करोड़ का अनुपूरक बजट

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज 22 अगस्त से फिर से शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत में पूरे सदन का माहौल भावुक हो गया, जब स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को याद किया।

इसके बाद वित्तीय मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 4296 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।

मानसून सत्र का पूरा शेड्यूल

  • 22 अगस्त: वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश, दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि

  • 25 अगस्त: प्रश्नकाल और अनुपूरक बजट पर चर्चा

  • 26 अगस्त: प्रश्नकाल व राजकीय विधेयक पेश

  • 28 अगस्त: प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक और गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा

इस तरह, 22 से 28 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में कुल चार कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं।

शिबू सोरेन के निधन से स्थगित हुआ था सत्र

आपको बता दें कि इससे पहले मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हुआ था, लेकिन उसी दौरान झारखंड के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हो गया।
इस दुखद घटना के कारण विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब 22 अगस्त से यह सत्र पुनः शुरू हुआ है।

क्या है अनुपूरक बजट का महत्व?

अनुपूरक बजट दरअसल उस अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दिलाने का तरीका है, जो पहले से पास हुए मुख्य बजट में शामिल नहीं होता। झारखंड सरकार ने इस बार 4296 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के जरिए कई अहम योजनाओं और विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धन आवंटित किया है।

 अब देखने वाली बात होगी कि 25 से 28 अगस्त के बीच होने वाली चर्चाओं में विपक्ष सरकार से कौन से मुद्दों पर घेराबंदी करता है, और अनुपूरक बजट में जनता से जुड़े किन-किन बिंदुओं पर बहस गर्माती है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।