झारखंड भूमि विवाद – गढ़वा में मुंडा समाज की जमीन पर दबंगों का कब्जा, पूर्व विधायक के नेतृत्व में डीडीसी से लोगों ने की शिकायत, मिला आश्वासन
झारखंड के गढ़वा जिले में आदिवासियों की जमीन पर दबंगों के कब्जे का मामला। मुंडा समाज के सात एकड़ भूमि पर जबरन कब्जा। ग्रामीणों ने पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के साथ जिला समाहरणालय में शिकायत की, मिला आश्वासन।
झारखंड के गढ़वा जिले में एक बार फिर आदिवासियों की जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा किए जाने का मामला सामने आया है। मुंडा समाज के सात एकड़ भूमि पर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राज किशोर यादव द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है। इस विवाद को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के नेतृत्व में जिला समाहरणालय में गढ़वा डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा से इसकी शिकायत की और न्याय की मांग की है।
ग्रामीणों की आवाज
गढ़वा जिले के रमकंडा थाना क्षेत्र उदयपुर पंचायत के सबाने गांव के मुंडा परिवार ने अपनी जमीन पर जबरन कब्जा किए जाने की शिकायत पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी से की थी। पूर्व विधायक तिवारी ग्रामीणों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से उपायुक्त से मिलने समाहरणालय पहुंचे और मौके पर उपस्थित उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा से मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी, गरीब, दलित व शोषित लोग सुरक्षित नहीं हैं और उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
मंत्री पर आरोप
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के संरक्षण में असामाजिक तत्व आम जनता के साथ गलत कार्य कर रहे हैं, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रमकंडा के सबाने गांव में मुंडा परिवार की जमीन पर पहले तालाब का निर्माण कराया गया और फिर मछली पालन करके खुद ही फायदा उठाया जा रहा है। वहीं, पूरे सात एकड़ भूमि पर कब्जा जमा लिया गया है।
राजनीतिक दृष्टिकोण
पूर्व विधायक ने कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार आदिवासियों के हित की बात करती है, लेकिन वास्तविकता में आदिवासियों को ही दबाया जा रहा है। गढ़वा-रंका विधानसभा क्षेत्र में मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर लूटपाट का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री और उनके समर्थक भोली-भाली जनता को परेशान कर रहे हैं। अंग्रेजों ने गढ़वा और पलामू के लोगों को जितना परेशान नहीं किया होगा, उतना वर्तमान मंत्री और उनके समर्थक कर रहे हैं।
न्याय की मांग
पूर्व विधायक ने कहा कि गिरिनाथ सिंह सबसे ज्यादा गढ़वा-रंका विधानसभा को चारागाह बनाने में जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि गिरिनाथ सिंह ने मिथिलेश ठाकुर को समर्थन देकर चुनाव जिताने का काम किया था। जब से मिथिलेश ठाकुर चुनाव जीते हैं, तब से गढ़वा का दुर्दशा हो गई है। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके रहते कोई भी व्यक्ति आदिवासी परिवार की जमीन नहीं लूट सकता है। अगर ग्रामीणों को जिला प्रशासन से न्याय नहीं मिला, तो वे राज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिलेंगे।
यह सवाल भी उठता है कि आखिर कब तक आदिवासियों को दबाया जाएगा और उनकी जमीन कब तक लूटी जाएगी। झारखंड को बिहार से अलग इसलिए किया गया था कि आदिवासियों का विकास हो सके, लेकिन झारखंड बनने के बाद भी आदिवासियों का हक और उनकी जमीन क्यों लूटी जा रही है, यह अब झारखंड सरकार ही बेहतर बता सकती है।
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