Jharkhand Shameful Incident : खूंटी जिले में मासूम के साथ हैवानियत, किशोर हिरासत में
झारखंड के खूंटी जिले से दिल दहला देने वाली खबर। 5 साल की मासूम के साथ हैवानियत, 15 वर्षीय किशोर हिरासत में। पुलिस ने POCSO Act के तहत केस दर्ज किया।
झारखंड से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में मात्र पांच साल की मासूम बच्ची के साथ हैवानियत की घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। पुलिस ने इस मामले में तेज़ी से कार्रवाई करते हुए एक 15 वर्षीय किशोर को हिरासत में लिया है, जिस पर गंभीर आरोप लगे हैं।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
पुलिस के अनुसार यह घटना सोमवार की है, जब बच्ची अपने घर के पास खेल रही थी। तभी एक किशोर ने उसे मिठाई देने के बहाने अपने साथ बुलाया। इसके बाद वह उसे सुनसान जगह पर ले गया और वहाँ मासूम के साथ अमानवीय कृत्य किया।
बच्ची किसी तरह वहां से बचकर बाहर निकली और रोते हुए अपने घर पहुंची। परिजनों को जब पूरी बात पता चली तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने क्या कहा?
जरियागढ़ थाने के प्रभारी अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि जैसे ही मामला सामने आया, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और आरोपी किशोर को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान सामने आया कि घटना के समय वह नशे की हालत में था।
बीरेंद्र कुमार के अनुसार, आरोपी ने कुछ साल पहले ही पढ़ाई छोड़ दी थी और अक्सर गलत संगत में समय बिताता था। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि वह नशे का आदी हो चुका था।
कानूनी कार्रवाई शुरू
पुलिस ने आरोपी को पकड़कर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही बच्ची को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। इस घटना को POCSO Act (Protection of Children from Sexual Offences Act) के तहत दर्ज किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई और इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न जुटा सके।
इलाके में दहशत और गुस्सा
इस घटना के बाद पूरे गांव में आक्रोश का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि आजकल के किशोर गलत रास्तों पर भटक रहे हैं और माता-पिता को इस पर ध्यान देना चाहिए। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और बच्ची व उसके परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले?
विशेषज्ञों का मानना है कि समाज में बच्चों और किशोरों पर निगरानी की कमी, नशे की बढ़ती लत और शिक्षा से दूरी ऐसे मामलों के पीछे बड़ी वजह है। कानून होने के बावजूद अपराध रुक नहीं रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें सही मार्गदर्शन दें। साथ ही नशे के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं।
सरकार और समाज की जिम्मेदारी
झारखंड जैसे राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में नशे की समस्या लगातार बढ़ रही है। सरकार भले ही कई बार अभियान चलाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है।
यह घटना एक बड़ा सबक है कि हमें बच्चों की सुरक्षा और उनकी परवरिश को लेकर और सतर्क होना होगा। सिर्फ कानून बनाने से नहीं बल्कि समाज में जागरूकता लाने से ही इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
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