झारखंड कर्मचारी संघ का धरना: काला बिल्ला लगाकर विरोध, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के कर्मियों ने 9 सूत्री मांगों को लेकर राज्य के 24 जिलों में काला बिल्ला लगाकर धरना-प्रदर्शन किया और सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी।
झारखंड कर्मचारी संघ का धरना: काला बिल्ला लगाकर विरोध, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
झारखंड में मंगलवार को राज्य के 24 जिलों में झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) के कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय के सामने काला बिल्ला लगाकर धरना-प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में समाहरणालय के प्रतिनिधियों, लिपिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों और संविदा पर कार्यरत कर्मियों ने हिस्सा लिया। यह आंदोलन सरकार द्वारा उनकी मांगों को लंबे समय से अनदेखा किए जाने के खिलाफ किया गया।
इस आंदोलन का मुख्य कारण 9 सूत्री मांगों की पूर्ति है, जिसमें प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- निम्न वर्गीय लिपिक के वेतनमान में 500 रुपये की वृद्धि और 2400 रुपए ग्रेड पे लागू करना।
- 20 वर्षों से प्रमोशन से वंचित चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को बिना परीक्षा के वरीयता के आधार पर प्रोन्नति देना।
- आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटरों को संविदा पर बहाल करना और जो संविदा पर बहाल हैं उन्हें नियमित करना।
- लिपिक पदनाम के जगह पर सहायक का पदनाम देना।
संघ के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि इस आंदोलन की शुरुआत मंगलवार से की गई है और सभी कर्मी पहले दिन काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। 18 जुलाई को तीन घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक होगी और 19 जुलाई तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर 20 जुलाई को कैंडल मार्च निकाला जाएगा। अंततः 22 जुलाई से सभी समाहरणालय कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 2022 से ही सरकार के समक्ष इन मांगों को रखा गया है, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। संघ ने बताया कि वेतनमान में 500 रुपये की मामूली वृद्धि भी आज तक नहीं की गई है, जबकि समाहरणालय कर्मी सरकार के सबसे महत्वपूर्ण अंग होते हैं जो हर तरह के कार्यों को करते हैं।
इस आंदोलन में मुख्य रूप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे सहित संघ के जिला स्तरीय पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
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