Jharia Bloodshed: झरिया में गोलियों की तड़तड़ाहट! एफसीआई गोदाम परिसर अखाड़ा बना, भाड़ा विवाद पर ट्रांसपोर्टर के बेटे ने की फायरिंग, गुस्साए मजदूरों ने पीटा
झरिया के धनसार थाना क्षेत्र स्थित एफसीआई गोदाम परिसर में भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टर और मजदूरों के बीच भीषण झड़प और फायरिंग। ट्रांसपोर्टर के बेटे कुणाल सिंह सहित तीन लोग घायल, एक मजदूर को गोली लगी। पुलिस ने माउजर, खोखे और झंडे लगी कारें जब्त कीं।
झारखंड के औद्योगिक शहर धनबाद के झरिया क्षेत्र में गुरुवार का दिन अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट और हिंसा से गूंज उठा। धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया स्थित एफसीआई गोदाम परिसर में हुई इस झड़प ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पैसे और अधिकार का विवाद यहां कितनी जल्दी हिंसा का रूप ले लेता है। गोदाम परिसर एक पल में कामकाज की जगह से अखाड़ा बन गया, जहां एक मजदूर को गोली लगने के बाद आक्रोशित भीड़ ने फायरिंग करने वालों पर पलटवार कर दिया।
धनबाद का इतिहास कोयला माफिया और श्रमिक विवादों से भरा पड़ा है। आज भी यह क्षेत्र विवादों के निपटारे के लिए बंदूकों के इस्तेमाल से मुक्त नहीं हो सका है। आज की यह घटना भी उसी का एक जीवंत उदाहरण है, जहां ट्रांसपोर्टर पक्ष ने सीधे हथियारों का सहारा लिया।
भाड़ा विवाद पर भड़की आग
घटना का मूल कारण रेलवे रैक से चावल की लोडिंग और अनलोडिंग कार्य में लगे ट्रक चालकों और मजदूरों का आंदोलन था। मजदूर लंबे समय से भाड़ा बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जिसके कारण गोदाम में कार्य बाधित हो रहा था।
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ट्रांसपोर्टर का विरोध: मजदूरों के आंदोलन से नाराज ट्रांसपोर्टर पक्ष के संजय सिंह, उनके पुत्र कुणाल सिंह सहित करीब एक दर्जन लोग दो स्कॉर्पियो से मौके पर पहुँचे।
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अचानक फायरिंग: गोदाम पहुँचते ही ट्रांसपोर्टर पक्ष के लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि आधा दर्जन से ज्यादा राउंड फायरिंग की गई।
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मजदूर घायल: इस गोलीबारी के दौरान विनोद नगर निवासी मजदूर श्रवण के पैर में गोली लग गई। उसे तत्काल इलाज के लिए धनबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मजदूरों का उग्र पलटवार और पुलिस की कार्रवाई
अपने साथी को गोली लगने के बाद मौके पर मौजूद अन्य मजदूर उग्र हो गए। फायरिंग की घटना के विरोध में मजदूरों ने भी ट्रांसपोर्टर पक्ष पर हमला कर दिया।
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पिटाई: आक्रोशित मजदूरों ने ट्रांसपोर्टर संजय सिंह के पुत्र कुणाल सिंह सहित तीन लोगों को पकड़ लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी।
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हथियार और कार जब्त: घटना की सूचना मिलते ही धनसार थाने की पुलिस तुरंत घटनास्थल पहुँची। पुलिस ने मौके से एक माउजर (पिस्तौल), गोली के खोखे और दो काली रंग की कार जब्त की। इनमें से एक कार में एक राजनैतिक दल का झंडा लगा हुआ था, जो मामले में राजनीतिक दखल का संकेत देता है।
इलाके में भारी तनाव के चलते बैंक मोड़ और धनसार का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने कहा है कि घटना के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आपकी राय में, मजदूर संघर्ष और व्यावसायिक विवादों को हिंसक होने से रोकने के लिए प्रशासन और उद्योग जगत को कौन से दो प्रभावी मध्यस्थता तंत्र विकसित करने चाहिए?
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