Jamshedpur Threat: दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने पहुंचे आरोपी, हथियार दिखाकर बनाया दबाव!
जमशेदपुर में दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने का सनसनीखेज मामला! आरोपी घर में घुसकर हथियार दिखाकर केस वापस लेने का बना रहे थे दबाव। पुलिस ने जांच शुरू की, पीड़िता ने मांगी सुरक्षा।

जमशेदपुर के कदमा इलाके में एक महिला ने भयावह आरोप लगाए हैं, जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। महिला ने गोलमुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि सीजीपीसी (सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी) के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे समेत तीन अन्य लोग उसके घर आए और उसे दुष्कर्म का केस वापस लेने की धमकी दी। पीड़िता का कहना है कि आरोपियों ने हथियार दिखाकर उसे डराने की कोशिश की और जान से मारने की धमकी तक दे डाली।
रात के अंधेरे में दबाव बनाने पहुंचे आरोपी
पीड़िता के अनुसार, 10 फरवरी 2024 की रात जब वह अपने घर में थी, तब अचानक गुरमुख सिंह मुखे, रामदेव बगान निवासी केया बोस, मनोनी बोस और बिरसानगर जोन नंबर सात के मंजीत सिंह उसके घर पहुंचे। उनके इरादे खतरनाक थे। उन्होंने पीड़िता से दुष्कर्म का केस वापस लेने का दबाव डाला और जब महिला ने मना किया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
महिला ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने सिर्फ धमकी ही नहीं दी, बल्कि हथियार लहराकर उसे डराने की कोशिश भी की। पीड़िता पहले ही गुरमुख सिंह मुखे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करा चुकी थी, जिसमें आरोपी फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर है।
पीड़िता की बढ़ी चिंता, पुलिस से मांगी सुरक्षा
घटना के बाद पीड़िता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद गोलमुरी थाना में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
महिला ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है, क्योंकि उसे अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और अगर आरोप सही पाए गए, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जमशेदपुर में बढ़ता अपराध: महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं शहर?
जमशेदपुर एक समय उद्योग और विकास का केंद्र माना जाता था, लेकिन अब यह शहर अपराधों की बढ़ती घटनाओं की वजह से सुर्खियों में है। खासकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों ने चिंता बढ़ा दी है।
पिछले कुछ सालों में महिला उत्पीड़न और यौन शोषण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कई मामलों में आरोपियों को जेल हुई, लेकिन कुछ लोग प्रभाव और ताकत के दम पर जमानत लेकर बाहर आ जाते हैं और पीड़ितों को डराने-धमकाने का प्रयास करते हैं।
क्या कानून का डर खत्म हो गया है?
यह मामला सिर्फ एक महिला की सुरक्षा का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है। अगर एक दुष्कर्म पीड़िता को ही धमकाया जा सकता है, तो आम महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी?
कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पीड़िता को डराने या गवाह को धमकाने की कोशिश करना गंभीर अपराध है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 के तहत जान से मारने की धमकी देना दंडनीय अपराध है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस मामले में आरोपियों को कड़ी सजा मिलेगी या फिर एक बार फिर अपराधी कानून से बच निकलेंगे?
पुलिस की जांच जारी, होगा एक्शन?
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। पीड़िता ने कोर्ट से भी सुरक्षा की मांग करने की तैयारी कर ली है। प्रशासन का कहना है कि अगर पीड़िता को धमकाने का मामला साबित होता है, तो आरोपियों की जमानत रद्द करने की सिफारिश की जाएगी।
अब देखना यह है कि क्या इस बार न्याय होगा या फिर कानून अपराधियों के प्रभाव के आगे कमजोर पड़ जाएगा? जमशेदपुर की जनता इस मामले पर कड़ी नजर रखे हुए है और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रही है।
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