Jamshedpur "Kranti" team won gold medal: टाटा स्टील की "क्रांति" टीम ने श्रीलंका में रचा इतिहास, आईसीक्यूसीसी 2024 में जीता स्वर्ण पदक
टाटा स्टील यूआईएसएल की "क्रांति" टीम ने श्रीलंका में आयोजित आईसीक्यूसीसी 2024 में स्वर्ण पदक जीतकर वैश्विक मंच पर भारत का नाम रौशन किया। जानें, इस ऐतिहासिक जीत के पीछे की कहानी और उनकी असाधारण परियोजना के बारे में।
जमशेदपुर, 12 नवंबर 2024 – टाटा स्टील यूआईएसएल की टीम “क्रांति” ने श्रीलंका में आयोजित इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन क्वालिटी कंट्रोल सर्किल्स (आईसीक्यूसीसी) 2024 में स्वर्ण पदक जीतकर वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्कृष्टता का परचम लहरा दिया। इस ऐतिहासिक जीत ने टाटा स्टील की गुणवत्ता सुधार और परिचालन उत्कृष्टता के प्रति अनवरत प्रतिबद्धता को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
क्या है टीम क्रांति की ऐतिहासिक परियोजना?
टीम क्रांति ने आईसीक्यूसीसी 2024 में अपनी उत्कृष्ट परियोजना "सिदगोड़ा पंप हाउस में क्षैतिज पंप के लिए शून्य ब्रेकडाउन प्राप्त करना" प्रस्तुत की। इस परियोजना का उद्देश्य सिदगोड़ा पंप हाउस के महत्वपूर्ण पंपिंग उपकरणों में शून्य ब्रेकडाउन को प्राप्त करना था। इस नवाचारी पहल ने न केवल परिचालन दक्षता में सुधार किया, बल्कि पंपिंग उपकरणों की विश्वसनीयता और प्रदर्शन को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
पारंपरिक पंपिंग प्रणालियों में ब्रेकडाउन एक आम समस्या रही है, जिससे परिचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। टीम क्रांति ने इस समस्या का समाधान खोजने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया, जो इस परियोजना की सफलता का मूल था। उनका यह प्रयास न केवल एक तकनीकी समाधान था, बल्कि गुणवत्ता नियंत्रण की दिशा में एक ठोस कदम था, जिसने उन्हें आईसीक्यूसीसी के मंच पर विशेष पहचान दिलाई।
कौन हैं टीम क्रांति के पीछे के नायक?
टीम क्रांति में रश्मि रंजन मोहंती, कमलेश कुमार सिंह, बसंत कुमार बीउरा, आनंद प्रकाश सिंह, धीरज कुमार और अंकिता प्रुस्टी जैसे समर्पित पेशेवर शामिल हैं। उनकी सामूहिक प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता के प्रति उनके जुनून ने इस परियोजना को वैश्विक मंच पर सराहनीय बना दिया। टीम के सदस्यों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी एकजुटता बनाए रखी और नये समाधान की दिशा में साहसिक कदम उठाए।
टाटा स्टील यूआईएसएल के कार्यबल की इस जीत ने कंपनी के नवाचार और गुणवत्ता पर जोर देने की प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया है। यह पुरस्कार न केवल टीम के लिए बल्कि पूरे संगठन के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है, जो प्रत्येक कर्मचारी को नई चुनौतियों का सामना करने और गुणवत्ता नियंत्रण के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
आईसीक्यूसीसी 2024: एक वैश्विक मंच पर भारतीय पहचान
आईसीक्यूसीसी, यानि इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन क्वालिटी कंट्रोल सर्किल्स, का आयोजन प्रतिवर्ष होता है और यह गुणवत्ता, नवाचार और परिचालन सुधार को पहचान देने के लिए वैश्विक मंच प्रदान करता है। इस सम्मेलन में दुनियाभर के संगठनों को अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और अपनी नवीन परियोजनाओं का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है।
टाटा स्टील की टीम क्रांति ने अपनी परियोजना के माध्यम से न केवल अपनी संगठनात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बल्कि भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरव से स्थापित किया। यह जीत भारत के उद्योग जगत के लिए एक नई राह दिखाती है, जहां गुणवत्ता नियंत्रण को प्राथमिकता दी जा रही है।
टीम क्रांति की उपलब्धि का प्रभाव
आईसीक्यूसीसी 2024 में स्वर्ण पदक जीतकर टाटा स्टील यूआईएसएल की टीम क्रांति ने साबित कर दिया कि भारत में गुणवत्ता नियंत्रण और तकनीकी नवाचार की अपार संभावनाएं हैं। इस उपलब्धि से प्रेरित होकर, कंपनी की अन्य टीमें भी अब उच्च मानकों को स्थापित करने के लिए प्रेरित हो रही हैं। इस सफलता ने उद्योग के लिए एक बेंचमार्क स्थापित कर दिया है, जिससे टाटा स्टील यूआईएसएल की टीमों में नवाचार और गुणवत्ता के प्रति नई ऊर्जा का संचार हो रहा है।
टाटा स्टील यूआईएसएल का संक्षिप्त इतिहास और नवाचार की दिशा
टाटा स्टील यूआईएसएल, जमशेदपुर में टाटा समूह की एक प्रमुख इकाई है, जो अपने अत्याधुनिक तकनीकी समाधान और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जानी जाती है। टाटा स्टील का यह उपक्रम गुणवत्ता, नवाचार, और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कंपनी में समय-समय पर आयोजित की जाने वाली गुणवत्ता सुधार पहलों ने टाटा स्टील यूआईएसएल को न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक अग्रणी स्थान दिलाया है।
आगे की राह
टीम क्रांति की इस ऐतिहासिक जीत से टाटा स्टील यूआईएसएल के अन्य पेशेवरों को भी नई प्रेरणा मिलेगी, जो उन्हें नवाचार और गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। कंपनी अब अन्य परियोजनाओं में भी ऐसी ही उत्कृष्टता लाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि भविष्य में और भी अधिक पुरस्कार और पहचान प्राप्त की जा सके।
आईसीक्यूसीसी 2024 में टीम क्रांति की इस उपलब्धि ने न केवल एक स्वर्ण पदक जीता, बल्कि यह साबित कर दिया कि भारतीय उद्योग जगत गुणवत्ता नियंत्रण और नवाचार में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है।
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