Jamshedpur Canteen उद्घाटन: टाटा स्टील वर्कर्स के लिए बड़ी सौगात, अब नहीं जाना पड़ेगा दूर!

जमशेदपुर टाटा स्टील लाइम प्लांट में कर्मचारियों के लिए नया कैंटीन कियोस्क शुरू! अब खाना खाने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं, सस्ता और स्वादिष्ट भोजन मिलेगा। जानिए इस उद्घाटन की खास बातें!

Mar 13, 2025 - 17:20
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Jamshedpur Canteen उद्घाटन: टाटा स्टील वर्कर्स के लिए बड़ी सौगात, अब नहीं जाना पड़ेगा दूर!
Jamshedpur Canteen उद्घाटन: टाटा स्टील वर्कर्स के लिए बड़ी सौगात, अब नहीं जाना पड़ेगा दूर!

जमशेदपुर में टाटा स्टील लाइम प्लांट के कर्मचारियों के लिए एक शानदार सुविधा शुरू की गई है। नया कैंटीन कियोस्क खुलने से अब वर्कर्स को खाना खाने या नाश्ता करने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस कैंटीन का उद्घाटन टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु ने किया। दिलचस्प बात यह है कि यही वह विभाग है जहां से संजीव चौधरी टुन्नु चुनाव जीतकर यूनियन अध्यक्ष बने हैं।

नया कैंटीन कियोस्क: कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत!

टाटा स्टील के लाइम प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों को अब भोजन और नाश्ते के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस कैंटीन में सस्ता और स्वादिष्ट भोजन मिलेगा, जिससे समय की बचत होगी और काम की उत्पादकता भी बढ़ेगी।

उद्घाटन समारोह में कौन-कौन रहा मौजूद?

इस खास मौके पर टाटा स्टील के कई बड़े अधिकारी और यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे:

  • चैतन्य भानु (वाइस प्रेसिडेंट, ऑपरेशन, टाटा स्टील)

  • सुरजीत सिन्हा (चीफ ऑफ एग्लोमरेट्स)

  • राजेश कुमार (चीफ लाइम प्लांट)

  • मुकेश अग्रवाल (चीफ एचआर)

  • प्रियंका पांडेय (हेड एचआर)

  • अभिषेक चटर्जी (हेड एचआर स्टील)

  • अभिजीत बोस (हेड लाइम प्लांट)

  • अरघो देव (हेड इलेक्ट्रिकल)

  • राजीव चौधरी (टाटा वर्कर्स यूनियन उपाध्यक्ष)

  • अजय चौधरी (सहायक सचिव)

  • हेमंत कुमार, निखिल कुमार (कमेटी मेंबर)

क्या मिलेगा इस कैंटीन में?

इस कैंटीन में सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का भोजन मिलेगा। इसके अलावा पानी, चाय, कॉफी और अन्य जरूरी खाद्य पदार्थ भी यहां उपलब्ध होंगे।

इतिहास: टाटा स्टील और श्रमिकों का अटूट रिश्ता

टाटा स्टील का इतिहास श्रमिकों की भलाई और कल्याण से जुड़ा हुआ है। 1907 में जमशेदजी टाटा ने जब इस कंपनी की स्थापना की, तभी से श्रमिकों के लिए सुविधाएं देना उनकी प्राथमिकता रही है। 1920 में टाटा वर्कर्स यूनियन की नींव रखी गई, जिसने कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उसी का नतीजा है कि आज टाटा स्टील अपने कर्मचारियों को दुनिया की बेहतरीन सुविधाएं देने के लिए जानी जाती है।

कर्मचारियों के लिए क्यों जरूरी था यह कैंटीन?

  • पहले कर्मचारियों को भोजन के लिए दूर जाना पड़ता था

  • इससे काम का समय बर्बाद होता था और उत्पादकता में कमी आती थी

  • अब लाइम प्लांट के भीतर ही कैंटीन होने से समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी

  • सस्ते और पौष्टिक भोजन से कर्मचारियों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा

अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

संजीव चौधरी टुन्नु (अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन) ने कहा, "यह कैंटीन कर्मचारियों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें हमेशा वर्कर्स की भलाई के लिए काम करना चाहिए।"

चैतन्य भानु (वाइस प्रेसिडेंट, टाटा स्टील) ने कहा, "हमारी कोशिश है कि हम कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं दें ताकि वे बिना किसी बाधा के अपना काम कर सकें।"

आगे क्या?

टाटा स्टील लगातार अपने कर्मचारियों के लिए नई सुविधाएं शुरू कर रहा है। जल्द ही और भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जा सकती हैं, जिससे कर्मचारियों का जीवन और आसान बनेगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।