Jamshedpur Holi Milan: दिव्यांगजनों के लिए खास होली समारोह, रंग-गुलाल और संगीत के साथ सामाजिक समरसता का अनोखा संगम
जमशेदपुर में झारखंड विकलांग मंच द्वारा दिव्यांगजनों के लिए विशेष होली मिलन समारोह का आयोजन! जानें कैसे यह कार्यक्रम समाज में समरसता और सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है।

जमशेदपुर: रंगों के त्योहार होली का उल्लास इस बार कुछ खास रहा! झारखंड विकलांग मंच ने युवा संस्था जमशेदपुर के सहयोग से एक अनोखे होली मिलन समारोह का आयोजन किया, जिसमें समाज के हर वर्ग के लोग एक साथ आए। यह आयोजन जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के स्वामी विवेकानंद सभागार में हुआ, जहां दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया।
दिव्यांगजनों के लिए खास क्यों था यह आयोजन?
समाज में समानता और समरसता को मजबूत करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें दिव्यांगजन, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। रंग-गुलाल, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, हास्य कवि सम्मेलन और संगीत के माध्यम से यह आयोजन एक यादगार अनुभव बना।
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण पर जोर
कार्यक्रम में झारखंड विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने दिव्यांगजनों के अधिकारों और उनकी उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि दिव्यांगजनों को और अधिक सुविधाएं दी जाएं ताकि वे समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर अशोक कुमार रामानी ने कहा कि इस तरह के आयोजन दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के प्रोफेसर डॉ. विशेश्वर यादव ने बताया कि इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य दिव्यांगजनों की जरूरतों को समझना और उन्हें आगे बढ़ने का मंच देना है।
इस मौके पर फिजिशियन डॉ. विजय शंकर प्रसाद ने सभी को होली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करते हैं।
होली के रंगों में समरसता का संदेश
समारोह के अंत में सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया, मिठाइयाँ बाँटी और होली की शुभकामनाएँ दीं। आयोजकों ने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
ऐसे आयोजनों की क्यों है जरूरत?
इतिहास गवाह है कि समाज में समानता और भागीदारी को बढ़ाने के लिए इस तरह के आयोजनों की हमेशा जरूरत रही है। भारत में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत भी दिव्यांगजनों को समान अवसर देने और उनके सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है।
क्या हो सकता है आगे?
- सरकार को दिव्यांगजनों के लिए और योजनाएँ लानी चाहिए।
- समाज को आगे बढ़कर दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए।
- अधिक से अधिक संस्थानों को ऐसे आयोजनों में सहयोग देना चाहिए।
What's Your Reaction?






