Jharkhand Incident: खेत की मेढ़ पर मिला युवक का शव, गांव में मचा हड़कंप

गांडेय थाना क्षेत्र में खेत की मेढ़ पर मिला युवक का शव। ठंड और अकेलेपन ने ली जान। जानें पूरी घटना और इससे मिलने वाली सीख।

Jan 19, 2025 - 10:49
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Jharkhand Incident: खेत की मेढ़ पर मिला युवक का शव, गांव में मचा हड़कंप
Jharkhand Incident: खेत की मेढ़ पर मिला युवक का शव, गांव में मचा हड़कंप

गांडेय, शव: गांडेय थाना क्षेत्र के नईटांड़ (बरमसिया) में शनिवार सुबह ग्रामीणों ने खेत की मेढ़ पर एक युवक का शव देखा। घटना की खबर जंगल में आग की तरह फैली, और पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

कैसे हुई यह घटना?

जानकारी के अनुसार, मृतक बेंगाबाद निवासी मुंशी टुडू शुक्रवार शाम अपने रिश्तेदार के घर केंदुआटांड़ आया था। वह साइकिल पर कहीं जा रहा था, जब नईटांड़ (बरमसिया) के पास पगडंडी पर साइकिल से अनियंत्रित होकर गिर गया। यह क्षेत्र सुनसान था, और रातभर किसी ने उसे नहीं देखा। ठंड और अचेत अवस्था में खेत पर पड़े रहने के कारण उसकी मौत हो गई।

रातभर अचेत अवस्था में क्यों रहा मुंशी?

घटनास्थल पर जांच करने पहुंचे गांडेय थाना प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह ने बताया कि मुंशी के गिरने के बाद ठंड के कारण उसकी हालत और बिगड़ गई। घटनास्थल पर किसी की मौजूदगी न होने से उसे मदद नहीं मिल सकी। जब शनिवार सुबह ग्रामीण खेतों की ओर गए, तो उन्होंने शव देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी।

ग्रामीणों ने क्या देखा?

सुबह जब ग्रामीण खेत में काम करने निकले, तो उन्होंने युवक को खेत की मेढ़ पर पड़ा देखा। पास जाने पर पता चला कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। गांव में इस घटना से मातम पसर गया है।

क्या थी मुंशी टुडू की कहानी?

मुंशी टुडू एक साधारण ग्रामीण जीवन जी रहे थे। वे अपने रिश्तेदारों से मिलने केंदुआटांड़ आए थे। उनकी साइकिल यात्रा अचानक इस दर्दनाक हादसे में बदल गई।

गांडेय थाना की तत्परता

ग्रामीणों की सूचना पर गांडेय थाना प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गिरिडीह भेजा गया। पुलिस इस घटना को प्राकृतिक हादसा मान रही है।

ठंड और अकेलापन बना मौत का कारण?

यह घटना बताती है कि ठंड का मौसम और सुनसान क्षेत्र में किसी का अकेले होना जानलेवा साबित हो सकता है। मुंशी का गिरना और रातभर अचेत अवस्था में पड़ा रहना, ठंड के साथ मिलकर उनकी मौत का कारण बना।

ग्रामीणों का क्या कहना है?

ग्रामीणों का मानना है कि यदि मुंशी को समय पर मदद मिल जाती, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।

क्या हम सीख सकते हैं?

यह घटना हमें सतर्क रहने की सीख देती है। ठंड के मौसम में रात के समय यात्रा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। सुनसान इलाकों में यात्रा करते समय अपने परिजनों को सूचित करना और साथ में मोबाइल रखना अत्यंत आवश्यक है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।