Jamshedpur Missing: तीन दिन से लापता बुजुर्ग सकुशल लौटे, जंगल में मिले – जानें पूरा मामला!
जमशेदपुर के बागबेड़ा से तीन दिन से लापता बुजुर्ग रामनंदन ठाकुर को पुलिस ने नागाडीह जंगल से सकुशल बरामद किया। जानिए पूरा मामला और सुरक्षा के जरूरी टिप्स।
जमशेदपुर, 10 जनवरी 2025: जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना क्षेत्र के हरहरगुट्टू पोस्ट ऑफिस रोड निवासी रामनंदन ठाकुर (58) के तीन दिन तक लापता रहने के बाद उनकी सकुशल वापसी हो गई है। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें नागाडीह जंगल से सुरक्षित घर लाया गया।
कैसे हुआ रामनंदन ठाकुर का पता?
8 जनवरी की सुबह करीब 8:30 बजे, रामनंदन ठाकुर बिना किसी को बताए घर से निकल गए थे।
- पूरे दिन घर न लौटने पर परिजनों ने परेशानी जताई।
- परिजनों ने बागबेड़ा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
- पुलिस ने जांच अभियान शुरू किया।
तीन दिन बाद, नागाडीह जंगल में लकड़ी काटने गए लोगों ने रामनंदन ठाकुर को देखा और स्थानीय पुलिस को सूचना दी।
इसके बाद, पुलिस और परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे और उन्हें सकुशल घर वापस लाया गया।
तीन दिन तक जंगल में कैसे रहे?
रामनंदन ठाकुर के तीन दिन जंगल में बिताने की घटना ने लोगों को हैरान कर दिया।
- बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर महसूस कर रहे थे।
- उन्होंने खुद ही जंगल में रहना तय किया था।
- इस दौरान उन्होंने जंगली फल खाकर और प्राकृतिक स्रोतों से पानी पीकर खुद को जिंदा रखा।
बागबेड़ा में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
बागबेड़ा थाना क्षेत्र में गुमशुदगी की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं।
- मानसिक तनाव और सामाजिक दबाव ऐसे मामलों के पीछे अक्सर कारण रहे हैं।
- पुलिस की सक्रियता से अधिकांश मामले सुलझाए गए हैं।
पुलिस ने क्या कहा?
बागबेड़ा थाना प्रभारी ने बताया:
"हमारी प्राथमिकता थी रामनंदन ठाकुर को सुरक्षित खोजकर घर लाना। स्थानीय लोगों के सहयोग से यह संभव हो पाया।"
परिजनों की प्रतिक्रिया
रामनंदन ठाकुर के सकुशल लौटने के बाद उनके परिजन बेहद भावुक नजर आए।
उन्होंने कहा:
"हम पुलिस और स्थानीय लोगों के आभारी हैं, जिन्होंने समय रहते मदद की। यह पल हमारे लिए बेहद राहतभरा है।"
क्या सीखने की जरूरत है?
- बुजुर्गों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखें।
- उन्हें अकेले घर से बाहर जाने से रोकें।
- सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करें।
- स्थानीय प्रशासन को तुरंत सूचना दें।
जमशेदपुर के इस मामले ने एक बार फिर दिखाया कि सामुदायिक जागरूकता और पुलिस की तत्परता कैसे किसी की जान बचा सकती है। रामनंदन ठाकुर की सकुशल वापसी एक राहतभरी खबर है, लेकिन यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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