Mango Encroachment Removal : अतिक्रमणकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई, जेपीएलई एक्ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश
जमशेदपुर मानगो हाट की 77.34 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने की तैयारी तेज। ADC ने CO को जेपीएलई एक्ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया। सरकारी जमीन की अवैध बिक्री रोकने पर भी सख्त निर्देश।

जमशेदपुर: मानगो हाट की जमीन खाली कराने की प्रक्रिया अब और तेज हो गई है। अपर उपायुक्त (ADC) भगीरथ प्रसाद ने मानगो के अंचलाधिकारी (CO) को निर्देश दिया है कि सभी अतिक्रमणकारियों पर जेपीएलई एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाए। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई में लापरवाही बरती गई तो सीओ की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय होगी।
77.34 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण
मानगो हाट की 77.34 एकड़ जमीन बाजार समिति की है। 1978 में समिति ने यहां चबूतरा बनाकर किसानों को उत्पाद बेचने की सुविधा दी थी। शुरुआत में केवल 52 वैध आवंटी थे, लेकिन समय के साथ यहां अवैध कब्जा बढ़ता चला गया।
पहले यहां अस्थायी ढांचे बने, फिर आग लगने की घटना के बाद कई लोगों ने स्थायी पक्का निर्माण कर लिया। धीरे-धीरे कारोबारियों और दुकानदारों ने यहां बड़ी दुकानें खोल लीं। कई मूल आवंटियों ने अपनी जगह दूसरों को बेचकर क्षेत्र छोड़ दिया।
बाजार समिति की कार्रवाई और नोटिस
कुछ माह पूर्व बाजार समिति ने जमीन की मापी कराई और सभी लोगों को अपने-अपने कागजात प्रस्तुत करने का नोटिस दिया। लेकिन केवल कुछ ही लोगों ने दस्तावेज दिखाए। इसके बाद बाजार समिति के पणन सचिव ने मानगो के सीओ को अतिक्रमणकारियों की सूची सौंपकर जमीन खाली कराने का अनुरोध किया।
हालांकि, कई माह बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई थी। अब एडीसी ने सीधे आदेश जारी कर सख्ती दिखा दी है।
सरकारी जमीन की बिक्री पर रोक
इसी दौरान एडीसी ने जमशेदपुर के अंचलाधिकारी मनोज कुमार को भी उनके क्षेत्र में सरकारी जमीन की अवैध प्लॉटिंग और बिक्री रोकने का आदेश दिया है। एडीसी ने कहा कि जमीन के कस्टोडियन सीओ होते हैं और अगर उनके क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री होती है तो इससे प्रशासन की छवि खराब होती है।
उन्हें भी चेतावनी दी गई है कि अगर शिथिलता बरती गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की सख्ती, अतिक्रमणकारियों में चिंता
एडीसी के आदेश के बाद प्रशासनिक सख्ती बढ़ गई है। अब उम्मीद है कि जल्द ही मानगो हाट की जमीन से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे जहां बाजार समिति को अपनी जमीन वापस मिलेगी, वहीं अवैध कब्जाधारियों और कारोबारियों में चिंता का माहौल है।
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