Jamshedpur Suicide: दोहरी जिंदगी ने ली जान! मानगो के पंजाबी लाइन में व्यक्ति ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, दोनों पत्नियों ने छोड़ा साथ, मां की मौत के बाद गहरे डिप्रेशन और शराब के आदी थे।
जमशेदपुर के मानगो थाना क्षेत्र के पंजाबी लाइन में 41 वर्षीय अमृत पाल सिंह ने गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि दो शादियां टूटने और इसी साल मां की मौत के बाद वह गहरे डिप्रेशन और शराब की लत के शिकार थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
जमशेदपुर शहर, जो एक औद्योगिक और आर्थिक शक्ति के केंद्र के रूप में जाना जाता है, वहां भी पारिवारिक टूटन और मानसिक तनाव के गहरे असर अब बार-बार दिखाई देने लगे हैं। गुरुवार को मानगो थाना अंतर्गत पंजाबी लाइन में रहने वाले 41 वर्षीय अमृत पाल सिंह की आत्महत्या की सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या का नहीं है, बल्कि यह तेजी से बदलते सामाजिक ढांचे और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती उदासीनता को दर्शाता है।
झारखंड और खासकर जमशेदपुर जैसे शहरी इलाकों में पारिवारिक समस्याओं, आर्थिक तंगी और अकेलेपन के कारण आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। इस मामले में तो अमृत पाल सिंह की दोहरी विवाहित जिंदगी की टूटन और मां के निधन का गहरा दर्द मिलकर डिप्रेशन और शराब की लत के रूप में सामने आया, जिसका अंजाम इतना दुखद रहा।
टूटन और अकेलेपन की दर्दनाक कहानी
मृतक अमृत पाल सिंह की जिंदगी की कहानी कई गंभीर मोड़ों से गुजरी है, जिसने उन्हें गहरे तनाव में धकेल दिया।
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दो शादियां, दोहरी टूटन: परिजनों और स्थानीय लोगों के अनुसार, अमृत पाल सिंह ने एक नहीं, बल्कि दो-दो शादियां की थीं। हालांकि दुर्भाग्यवश, उनकी दोनों ही पत्नियों ने किसी न किसी वजह से उनका साथ छोड़ दिया, जिसके बाद वह अकेलापन महसूस करने लगे।
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मां का साया उठा: अपनी दोनों पत्नियों के जाने के बाद वह अपनी मां के साथ रह रहे थे, लेकिन इसी साल फरवरी महीने में उनकी मां का भी देहांत हो गया। मां का आसरा छूटने के बाद वह पूरी तरह से टूट गए।
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डिप्रेशन और शराब की लत: लगातार पारिवारिक समस्याओं और अकेलेपन के चलते अमृत पाल सिंह गहरे डिप्रेशन (अवसाद) में चले गए थे और धीरे-धीरे शराब के आदी हो गए थे।
सुबह 10 बजे की घटना, पुलिस जांच में जुटी
गुरुवार को अमृत पाल सिंह ने तनाव में आकर खुद को समाप्त करने का दुखद निर्णय लिया।
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आत्महत्या: गुरुवार सुबह करीब 10:00 बजे के आसपास उन्होंने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी पड़ोसियों को मिली, जिन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी।
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पुलिस की कार्रवाई: मानगो थाना पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने में जुट गई है।
अमृत पाल सिंह का यह निर्णय जमशेदपुर जैसे तेज रफ्तार वाले शहरों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य के संकट की ओर ध्यान दिलाता है। यह घटना हमेशा याद दिलाएगी कि पारिवारिक सहयोग और मानसिक बीमारी के प्रति जागरूकता कितनी ज़रूरी है। शराब की लत और डिप्रेशन का यह दुष्चक्र अक्सर लोगों को अंतिम कदम उठाने पर मजबूर कर देता है। यह आवश्यक है कि समाज और प्रशासन मिलकर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सक्रिय रूप से मदद प्रदान करें।
आपकी राय में, शहरों में पारिवारिक तनाव और डिप्रेशन के कारण होने वाली आत्महत्याओं को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन और सामुदायिक संगठनों को कौन से दो सबसे प्रभावी और तत्काल कदम उठाने चाहिए?
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