Jamshedpur Robbery: थाने के पास CRPF जवान के घर बड़ी चोरी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल!
जमशेदपुर में बर्मामाइंस थाना के पास CRPF जवान के घर बड़ी चोरी, चोरों ने ₹3 लाख की संपत्ति उड़ाई। पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।

जमशेदपुर: अगर थाने के 50 मीटर के दायरे में भी चोरी हो सकती है, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है? यह सवाल तब उठा जब बर्मामाइंस थाना से महज कुछ कदम की दूरी पर चोरों ने एक सीआरपीएफ जवान के घर को निशाना बना लिया।
बंगला नंबर 12B में रहने वाले सीआरपीएफ जवान मनीष कुमार तिवारी जब अपने गांव उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ गए थे, तभी यह घटना घटी। 5 फरवरी को वे अपने परिवार संग गांव रवाना हुए थे और जब गुरुवार को लौटे, तो उनके होश उड़ गए।
चोरों ने क्या-क्या उड़ाया?
₹25,000 नगद
सोने-चांदी के गहने
कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान
अन्य घरेलू वस्तुएं
कुल मिलाकर करीब ₹3 लाख रुपये की चोरी हो चुकी थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना थाना से चंद कदमों की दूरी पर हुई, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी!
क्या चोरों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं?
चोरी की सूचना मिलते ही बर्मामाइंस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
संभावित संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
घर के आसपास के लोगों से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
लेकिन इतनी करीबी दूरी पर हुई यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
क्या जमशेदपुर में बढ़ रहा है चोरी का खतरा?
सिर्फ पिछले तीन महीनों में शहर में 20 से ज्यादा बड़ी चोरियां हो चुकी हैं।
अधिकांश मामलों में चोरों का सुराग तक नहीं मिल पाया।
बहुत से इलाकों में अब भी पर्याप्त पुलिस पेट्रोलिंग नहीं हो रही है।
इतिहास गवाह है कि जब भी किसी शहर में कानून व्यवस्था कमजोर होती है, तो अपराधी बेखौफ हो जाते हैं। जमशेदपुर में भी अपराधी अब इतने निडर हो चुके हैं कि पुलिस थाना के पास भी चोरी करने से नहीं डर रहे!
क्या पुलिस पर उठ रहे हैं सवाल?
- अगर थाना के पास भी चोरी हो सकती है, तो बाकी इलाकों में सुरक्षा कैसी होगी?
- क्या पुलिस की गश्त व्यवस्था कमजोर हो गई है?
- क्या चोरों को पकड़ने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं?
आम जनता की क्या मांग है?
इलाके में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
हर कॉलोनी और सोसाइटी में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किए जाएं।
पुलिस जल्द से जल्द चोरों को पकड़कर कठोर कार्रवाई करे।
अब सवाल यह है – क्या जमशेदपुर में कोई सुरक्षित है?
क्या पुलिस इस चुनौती को स्वीकार कर पाएगी?
क्या चोरों को पकड़कर जनता का भरोसा लौटाया जा सकेगा?
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