Jamshedpur Ownership: 86 बस्तियों को मालिकाना हक! विधायक पूर्णिमा साहू ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा 'अंतिम पत्र', चुनावी वादे निभाने का दबाव
जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर 86 से अधिक बस्तियों के लाखों निवासियों को भूमि पर पूर्ण मालिकाना हक देने की मांग की है। उन्होंने झामुमो-कांग्रेस के चुनावी वादों को याद दिलाया और 2005 में सुरक्षित रखी गई 1800 एकड़ भूमि का ऐतिहासिक संदर्भ दिया।
जमशेदपुर की 86 से अधिक बस्तियों में रहने वाले लाखों निवासियों की दशकों पुरानी मांग को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां अब अपने चरम पर पहुंच गई हैं। जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीधा पत्र लिखकर बस्तीवासियों को उनकी आवासीय भूमि पर पूर्ण मालिकाना हक दिए जाने की मांग की है। उन्होंने इस मुद्दे को जनहित से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील और गंभीर मुद्दा बताया है।
यह मालिकाना हक का मुद्दा जमशेदपुर की राजनीति में हमेशा से केंद्रीय रहा है, क्योंकि यह लाखों लोगों के जीवन की स्थिरता, सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा हुआ है। विधायक साहू का यह खुला पत्र सत्ताधारी गठबंधन को उनके चुनावी वादों को पूरा करने का स्पष्ट दबाव है।
1800 एकड़ भूमि का ऐतिहासिक संदर्भ
विधायक पूर्णिमा साहू ने अपने पत्र में इस जटिल मुद्दे के ऐतिहासिक पहलुओं का भी उल्लेख किया है, जो इसे तत्काल कार्रवाई के लिए उपयुक्त बनाता है:
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2005 का नीतिगत निर्णय: उन्होंने याद दिलाया कि झारखंड सरकार द्वारा टाटा लीज नवीकरण के दौरान वर्ष 2005 में नीतिगत निर्णय लेते हुए लगभग 1800 एकड़ भूमि इन 86 बस्तियों के लिए सुरक्षित रखी गई थी।
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2018 का ऐतिहासिक कदम: इसके बाद वर्ष 2018 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने बस्तीवासियों को 10-10 डिसमिल भूमि आवासीय उद्देश्य से लीज बंदोबस्ती की नीति बनाकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया था, जिसने मालिकाना हक की दिशा में पहला ठोस रास्ता खोला था।
विधायक साहू का कहना है कि अब यह झामुमो नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इस प्रक्रिया को पूर्ण मालिकाना हक तक पहुंचाए।
चुनावी वादों की याद: अब कार्रवाई का समय
पत्र में पूर्णिमा साहू ने झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं कांग्रेस पार्टी के पिछले विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र और चुनावी सभाओं में किए गए स्पष्ट आश्वासनों को याद दिलाया है।
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कल्पना सोरेन का वादा: उन्होंने विशेष रूप से नवंबर 2024 में जमशेदपुर में आयोजित एक चुनावी सभा का जिक्र किया, जहां विधायक कल्पना सोरेन ने घोषणा की थी कि झामुमो की सरकार बनने पर बिरसानगर सहित सभी बस्तियों के निवासियों को मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा।
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सबूत संलग्न: विधायक ने अपने पत्र के साथ झामुमो-कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए वादों से जुड़ी विभिन्न समाचारपत्रों की कटिंग भी संलग्न की है, ताकि चुनावी वादे को कार्रवाई में बदलने का दबाव बनाया जा सके।
विधायक साहू ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि यह उपयुक्त समय है कि चुनावी वादों को पूरा करते हुए बस्तीवासियों को उनका अधिकार दिया जाए। उन्होंने झारखंड विधानसभा के द्वितीय (बजट) सत्र 2025 के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत करने की बात भी याद दिलाई, जिस पर सरकार की ओर से कोई ठोस और स्पष्ट जवाब नहीं मिला था।
सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन का आधार
पूर्णिमा साहू ने मुख्यमंत्री से इस मानवीय और जनहित के मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया है। उनका स्पष्ट मत है कि मालिकाना हक मिलने से बस्तीवासियों की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व सुधार होगा एवं उनका जीवन भी सुरक्षित और सम्मानजनक बनेगा।
लाखों लोगों की आशाएं अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शीघ्र और निर्णायक हस्तक्षेप पर टिकी हैं।
आपकी राय में, झारखंड सरकार को 86 बस्तियों के लाखों निवासियों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए सबसे पहले किस प्रशासनिक या कानूनी बाधा को दूर करना चाहिए?
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