Jamshedpur Fight : मतदान केंद्र के बाहर Congress और AIMIM समर्थकों में भिड़ंत, दो घायल
जमशेदपुर के आजादनगर में चुनाव के दौरान कांग्रेस और एआईएमआईएम समर्थकों के बीच झगड़ा हो गया, जिसमें दो लोग घायल हुए। जानें पूरी घटना और विवाद की वजह।
जमशेदपुर, 13 नवंबर: झारखंड के जमशेदपुर में चुनावी माहौल के बीच हिंसा की खबर ने हलचल मचा दी है। जमशेदपुर पश्चिम के आजादनगर थाना अंतर्गत बावनगोड़ा के उर्दू स्कूल के मतदान केंद्र संख्या 345 पर कांग्रेस और एआईएमआईएम के समर्थकों के बीच गंभीर झड़प हो गई। दोनों पक्षों के बीच यह भिड़ंत तब हुई, जब कांग्रेस के समर्थकों पर वोटरों को प्रभावित करने का आरोप लगा। विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट तक पहुंच गया, जिसमें दोनों पक्षों के समर्थक घायल हो गए।
घटना की पूरी कहानी
एआईएमआईएम के प्रत्याशी बाबर खान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को अपने पक्ष में प्रभावित कर रहे थे, जो चुनाव नियमों का उल्लंघन है। इस स्थिति का विरोध करने पर दोनों पार्टियों के समर्थक आमने-सामने आ गए। बाबर खान का कहना है कि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे, और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बात हाथापाई तक पहुंच गई।
दूसरी ओर, कांग्रेस समर्थक सरफराज का कहना है कि वे केवल वोटर स्लिप बांटने का काम कर रहे थे। सरफराज के अनुसार, इसी दौरान एआईएमआईएम के प्रत्याशी बाबर खान और उनके समर्थक पहुंचे और अचानक मारपीट शुरू हो गई। इस संघर्ष में एआईएमआईएम के तहसीन हाशमी और कांग्रेस समर्थक कलीम गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस ने कैसे किया हालात पर काबू?
इस हिंसक झगड़े की सूचना मिलते ही, एसएसपी और सीटी एसपी मौके पर पहुंचे और वहां जमा भीड़ को तीतर-बितर किया। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को अलग किया, ताकि स्थिति और न बिगड़े। इसके बाद दोनों पक्षों के लोग आजादनगर थाने पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
क्यों बढ़ रहे हैं चुनावी विवाद?
जमशेदपुर के इस क्षेत्र में चुनावों के दौरान हिंसक घटनाएं पहले भी देखने को मिली हैं। झारखंड में चुनावों के दौरान अक्सर राजनीतिक पार्टियों के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ जाता है, खासकर जब समर्थन जुटाने के लिए प्रतिद्वंद्वी पार्टियां एक-दूसरे के क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं। इस बार का चुनाव भी ऐसा ही माहौल लेकर आया है। चुनावों के वक्त इस तरह की घटनाएं न केवल चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं, बल्कि मतदाताओं के बीच डर का माहौल भी बना देती हैं।
क्षेत्रीय नेताओं की अपील और पुलिस की सतर्कता
इस घटना के बाद क्षेत्रीय नेताओं ने जनता से शांतिपूर्ण मतदान की अपील की है। पुलिस प्रशासन भी चुनावों के दौरान इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। हालांकि, इस तरह की घटनाएं मतदाताओं में चिंता और भय का माहौल पैदा करती हैं, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
इस घटना ने जमशेदपुर के शांतिपूर्ण चुनावी माहौल को प्रभावित किया है। अब देखने की बात यह है कि पुलिस और प्रशासन किस तरह से इस तरह की घटनाओं पर काबू पाते हैं और चुनाव को सुचारु रूप से संपन्न कराते हैं। इस घटना के बाद, राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है और जनता भी इस मुद्दे को लेकर गहरी दिलचस्पी ले रही है।
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