Jamshedpur Cable Takeover : वेदांता का कब्जा, एनसीएलटी का अंतिम फैसला, केबुल टाउनशिप की जमीन पर दावा पड़ेगा भारी
जमशेदपुर की केबुल इंडस्ट्रीज की 177 एकड़ बेशकीमती जमीन अब आधिकारिक तौर पर वेदांता लिमिटेड की हो गई है क्योंकि एनसीएलटी कोलकाता ने अधिग्रहण को अंतिम मंजूरी दे दी है। अवैध कब्जेदारों और बिचौलियों के लिए अब जेल जाने का वक्त आ गया है क्योंकि कंपनी ने साफ कर दिया है कि संपत्तियों पर किसी भी तरह का दखल अब सीधे क्रिमिनल केस का कारण बनेगा।
जमशेदपुर/कोलकाता, 19 दिसंबर 2025 – जमशेदपुर के औद्योगिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। दशकों से विवादों और अनिश्चितता के भंवर में फंसी केबुल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (इंकैब) की जमीन और संपत्तियों के भाग्य का फैसला अब हो गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), कोलकाता ने एक ऐतिहासिक आदेश सुनाते हुए यह साफ कर दिया है कि अब केबुल टाउनशिप की एक इंच जमीन पर भी किसी बाहरी व्यक्ति या संस्था का अधिकार नहीं चलेगा। इस फैसले ने उन हजारों लोगों की नींद उड़ा दी है जो इस बेशकीमती जमीन पर कब्जे या खरीद-फरोख्त का सपना देख रहे थे।
इतिहास: इंकैब के वैभव से बर्बादी तक का सफर
जमशेदपुर की केबुल कंपनी (इंकैब) कभी देश की अग्रणी केबल निर्माता कंपनी हुआ करती थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य शहर के औद्योगिक विकास को मजबूती देना था। लेकिन 1990 के दशक के अंत में कुप्रबंधन और वित्तीय संकट के कारण यह कंपनी बीमार पड़ गई और बंद होने की कगार पर पहुँच गई। हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी और सैकड़ों एकड़ जमीन वर्षों तक कानूनी दांव-पेच में फंसी रही। आज का एनसीएलटी का फैसला उस लंबे संघर्ष का अंत है, जहाँ इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2016 के तहत आखिरकार रिज़ॉल्यूशन की राह निकली।
वेदांता का राज: रिज़ॉल्यूशन प्लान को मिली हरी झंडी
एनसीएलटी कोलकाता की बेंच ने 'जयंत बनर्जी बनाम केबल इंडस्ट्रीज लिमिटेड' वाद की सुनवाई करते हुए 3 दिसंबर 2025 को वेदांता लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत रिज़ॉल्यूशन प्लान को अंतिम मंजूरी दे दी।
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अधिकारों का हस्तांतरण: ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार, केबल इंडस्ट्रीज की संपत्तियों में निहित सभी मालिकाना हक, स्वामित्व और हित अब पूरी तरह वेदांता लिमिटेड को हस्तांतरित हो चुके हैं।
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समय सीमा: वेदांता को अगले 90 दिनों के भीतर अधिग्रहण की पूरी कागजी और जमीनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
अतिक्रमणकारियों और दलालों के लिए 'खतरे की घंटी'
वेदांता लिमिटेड ने रिज़ॉल्यूशन प्लान की मंजूरी मिलते ही सार्वजनिक सूचना जारी कर कड़ा रुख अख्तियार किया है। कंपनी ने साफ चेतावनी दी है कि:
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केबुल इंडस्ट्रीज की जमीन या भवनों पर कोई भी अवैध कब्जा या खरीद-फरोख्त गैरकानूनी है।
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किसी भी दलाल या तीसरे पक्ष के माध्यम से किया गया लेन-देन अमान्य होगा।
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नियमों का उल्लंघन करने वालों पर दीवानी (Civil) और आपराधिक (Criminal) दोनों तरह के मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
केबुल टाउनशिप की जमीन का पूरा ब्यौरा (177 एकड़)
वेदांता के पास अब शहर के बीचों-बीच स्थित एक विशाल साम्राज्य की कमान है:
| क्षेत्र का प्रकार | क्षेत्रफल (एकड़ में) |
| कंपनी मुख्य परिसर | 30.40 एकड़ |
| आवासीय क्षेत्र (टाउनशिप) | 49.25 एकड़ |
| विद्यालय, क्लब और मंदिर | 7.85 एकड़ |
| परती (खाली) भूमि | 53.35 एकड़ |
| अवैध दखल वाली जमीन | 5.67 एकड़ |
| सड़क और अन्य बुनियादी ढांचा | 29.33 एकड़ |
| अतिक्रमित भूमि (विवादित) | 1.15 एकड़ |
बिचौलियों से सावधान रहने की अपील
वेदांता ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या बिचौलियों के झांसे में न आएं। किसी भी दस्तावेज़ के सत्यापन के लिए सीधे कंपनी के अधिकृत कार्यालय से संपर्क करें। शहर के प्रॉपर्टी डीलरों और अवैध रूप से रह रहे लोगों के लिए यह फैसला किसी बड़े झटके से कम नहीं है, क्योंकि अब प्रशासन सीधे वेदांता के रिज़ॉल्यूशन प्लान को लागू करने के लिए बाध्य है।
जमशेदपुर का बदलता परिदृश्य
एनसीएलटी का यह फैसला जमशेदपुर के औद्योगिक मानचित्र को पूरी तरह बदल देगा। वेदांता जैसी दिग्गज कंपनी के आने से न केवल केबुल इंडस्ट्रीज की जमीन का सदुपयोग होगा, बल्कि क्षेत्र में नए रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास की उम्मीद भी जगी है। फिलहाल, अवैध कब्जेदारों के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
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