School Strike: राजेंद्र विद्यालय पर मान्यता का फर्जीवाड़ा, मां का मोबाइल छीना और दी धमकी, जमशेदपुर में बड़ा हंगामा
जमशेदपुर के प्रसिद्ध राजेंद्र विद्यालय की गालूडीह और मुख्य ब्रांच के खिलाफ एक मां ने पुलिस में मोर्चा खोल दिया है। बिना मान्यता के स्कूल चलाने, बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और अभिभावक का मोबाइल छीनकर धमकी देने जैसे संगीन आरोपों ने शिक्षा जगत में हड़कंप मचा दिया है। अपने बच्चों का भविष्य बचाने के लिए इस स्कूल की सच्चाई तुरंत जान लें।
जमशेदपुर, 19 दिसंबर 2025 – लौहनगरी जमशेदपुर के शिक्षा जगत से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने अभिभावकों की रातों की नींद उड़ा दी है। साकची थाना क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठित राजेंद्र विद्यालय (गालूडीह ब्रांच और मुख्य ब्रांच) पर एक मां ने धोखाधड़ी और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस से एफआईआर (FIR) दर्ज करने की गुहार लगाई है। यह मामला केवल टीसी (TC) के विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि स्कूल की कानूनी मान्यता और बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे कथित खिलवाड़ से जुड़ा है।
इतिहास: जमशेदपुर में निजी स्कूलों की साख और विवाद
जमशेदपुर दशकों से शिक्षा का केंद्र रहा है, जहाँ कई स्कूलों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख बनाई है। लेकिन हाल के वर्षों में 'कमर्शलाइजेशन' की होड़ में कई शिक्षण संस्थानों ने नियमों को ताक पर रखकर अपनी शाखाएं खोल ली हैं। इतिहास गवाह है कि कई बार बिना वैध 'एफिलिएशन नंबर' (Affiliation Number) के स्कूल संचालित कर बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया गया है। राजेंद्र विद्यालय जैसे बड़े नाम पर लगे ये आरोप शिक्षा विभाग की निगरानी प्रणाली पर भी गहरा दाग लगाते हैं।
बिना मान्यता के स्कूल चलाने का संगीन आरोप
पीड़िता रंजनी देवी (31 वर्ष) ने साकची थाना प्रभारी को दिए लिखित आवेदन में चौंकाने वाला दावा किया है। उनके अनुसार, राजेंद्र विद्यालय की गालूडीह (घुटिया) ब्रांच बिना किसी आधिकारिक मान्यता के चल रही है।
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पढ़ाई का गिरता स्तर: आवेदन में कहा गया है कि स्कूल में न तो बुनियादी सुविधाएं हैं और न ही पढ़ाई का कोई तय पैमाना।
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अभिभावकों को धोखा: आरोप है कि मान्यता के नाम पर अभिभावकों को गुमराह किया गया और भारी भरकम फीस वसूली गई।
16 दिसंबर का वह काला दिन: मोबाइल छीना और मिली धमकी
मामले ने तब तूल पकड़ा जब पीड़िता अपने बच्चों के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC) मांगने स्कूल पहुँची। रंजनी देवी का आरोप है कि उन्हें एक महीने तक दौड़ाया गया और जब उन्होंने 16 दिसंबर 2025 को साकची ऑफिस में प्रबंधन से बात करनी चाही, तो उनके साथ अशोभनीय व्यवहार हुआ।
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मानसिक उत्पीड़न: स्कूल के कर्मचारियों पर बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है।
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साक्ष्य मिटाने की कोशिश: पीड़िता ने जब इस दुर्व्यवहार को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करना चाहा, तो कथित तौर पर उनसे मोबाइल फोन छीन लिया गया और शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
प्रमुख आरोपों की सूची
| आरोप का प्रकार | विवरण |
| मान्यता फर्जीवाड़ा | बिना वैध एफिलिएशन नंबर के स्कूल का संचालन। |
| दस्तावेज छेड़छाड़ | बच्चों के निजी दस्तावेजों के साथ अवैध तरीके से छेड़छाड़। |
| टीसी उत्पीड़न | नाम कटवाने पर टीसी देने से इनकार और गुमराह करना। |
| आपराधिक कृत्य | मोबाइल छीनना, बदसलूकी और जान से मारने की धमकी। |
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का दावा
मां ने यह भी आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन ने उनके बच्चों के निजी दस्तावेजों के साथ बिना अनुमति के छेड़छाड़ की है। यह कानूनन एक गंभीर अपराध है जो बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। पीड़िता ने मांग की है कि स्कूल के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी और मानसिक उत्पीड़न की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कड़ी जांच की जाए ताकि अन्य मासूम बच्चों का भविष्य बर्बाद न हो।
प्रशासन की चुप्पी और उठते सवाल
अब सवाल यह उठता है कि क्या जमशेदपुर का शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन इन आरोपों की निष्पक्ष जांच करेगा? क्या वाकई एक नामी स्कूल बिना मान्यता के इतने वर्षों से चल रहा था? पीड़िता ने स्पष्ट किया है कि वह न्याय के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं और जांच में पूरा सहयोग करेंगी।
अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत
राजेंद्र विद्यालय का यह विवाद एक चेतावनी है उन सभी अभिभावकों के लिए जो केवल 'ब्रांड नेम' देखकर अपने बच्चों का दाखिला करा देते हैं। स्कूल की मान्यता और कागजातों की बारीकी से जांच करना अब अनिवार्य हो गया है। फिलहाल, साकची पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है और शहर के अभिभावकों की निगाहें अब पुलिस की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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