Jamshedpur Agreement: टाटा स्टील में कर्मचारियों की संख्या में बड़ा बदलाव, जानिए नई व्यवस्था
टाटा स्टील फील्ड मेंटेनेंस विभाग में कर्मचारियों की संख्या का नए सिरे से निर्धारण किया गया। जानें, समझौते से कितने कर्मचारियों को मिलेगा लाभ और क्या हैं इसके फायदे।
जमशेदपुर (Jamshedpur): टाटा स्टील के फील्ड मेंटेनेंस विभाग में सोमवार को नई कर्मचारी नीति लागू की गई, जिसमें कर्मचारियों की संख्या और कामकाज की संरचना को रीऑर्गेनाइज किया गया है। इस समझौते पर टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच हस्ताक्षर किए गए।
समझौते में कौन थे शामिल?
समझौते पर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट शेयर्ड सर्विसेज प्रबल सेन, चीफ एचआरएम मुकेश अग्रवाल, विनीता प्रकाश, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नू और महामंत्री सतीश सिंह सहित अन्य प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। इसके अलावा कमेटी के मेंबर शैलेंद्र कुमार, बीवी प्रधान, राकेश सिंह, शुभम सिंह और राजेश कुमार भी इसमें शामिल थे।
कर्मचारियों पर क्या होगा असर?
- समझौते के तहत फील्ड मेंटेनेंस विभाग में कर्मचारियों की संख्या को 334 से घटाकर 249 कर दिया गया है।
- यह संख्या स्वाभाविक रूप से घटेगी, यानी रिटायरमेंट के बाद नई नियुक्ति नहीं होगी।
- करीब 50% कर्मचारियों को इस समझौते का लाभ मिलेगा।
- कर्मचारियों के ट्रेनिंग और अपग्रेडेशन पर भी जोर दिया जाएगा।
ब्लॉकों में हुआ बदलाव
- ब्लॉक 3 में पहले जहां 120 कर्मचारी थे, अब इसे बढ़ाकर 160 कर दिया गया है।
- ब्लॉक 4 में कर्मचारियों की संख्या पहले जैसी ही 20 रहेगी।
- ब्लॉक 2 में 69 कर्मचारी और ब्लॉक 1 में 13 कर्मचारी रहेंगे।
- ब्लॉक 1 के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है।
इतिहास में टाटा स्टील का कर्मचारी प्रबंधन
टाटा स्टील हमेशा से अपने कर्मचारियों के हित और कार्यस्थल प्रबंधन के लिए जाना जाता है। कंपनी ने पहले भी लेबर यूनियन के साथ समझौते किए हैं, जिनका उद्देश्य कार्य संतुलन और कर्मचारियों का विकास सुनिश्चित करना रहा है।
इस समझौते का लाभ
- काम का वितरण अधिक प्रभावी तरीके से होगा।
- कर्मचारियों के लिए अपस्किलिंग और नए अवसरों का रास्ता खुलेगा।
- उत्पादन और प्रबंधन में सुधार आएगा।
स्थानीय स्तर पर प्रतिक्रिया
कर्मचारी संगठनों ने इस कदम की सराहना की है। यूनियन के मुताबिक, यह समझौता कर्मचारियों और प्रबंधन दोनों के हित में है। साथ ही, टाटा स्टील प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि कोई भी कर्मचारी सरप्लस नहीं होगा।
भविष्य की योजनाएं
टाटा स्टील ने इस समझौते के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने कर्मचारियों के कौशल और संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करना चाहती है।
टाटा स्टील का यह कदम एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे बड़े उद्योग अपने कर्मचारियों के हित में बदलाव कर सकते हैं। इस समझौते से न केवल कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि कर्मचारियों का विश्वास भी बढ़ेगा।
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