Jamshedpur Action : मानगो में अवैध हथियार गिरोह का पर्दाफाश, दो कुख्यात गिरफ्तार

जमशेदपुर में मानगो पुलिस ने अवैध हथियार कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए दो हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया। जानिए कैसे एक ऑपरेशन से बड़ा अपराधी नेटवर्क उजागर हुआ।

Nov 30, 2024 - 14:39
Nov 30, 2024 - 14:54
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Jamshedpur Action  : मानगो में अवैध हथियार गिरोह का पर्दाफाश, दो कुख्यात गिरफ्तार
Jamshedpur Action : मानगो में अवैध हथियार गिरोह का पर्दाफाश, दो कुख्यात गिरफ्तार

झारखंड के जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र में अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त करने वाले दो कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी ने अपराध जगत में हलचल मचा दी है। मानगो पुलिस की सतर्कता और तेज़ कार्रवाई से न केवल अपराधियों का नेटवर्क उजागर हुआ बल्कि एक बड़ा अपराधी गिरोह भी बेनकाब हुआ।

कैसे हुआ खुलासा?

29 दिसंबर को जमशेदपुर पुलिस के एसएसपी को सूचना मिली कि मानगो दाईगुट्टू इलाके में अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त की योजना बनाई जा रही है। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस उपाधीक्षक और मानगो थाना प्रभारी ने एक विशेष टीम गठित की। छापेमारी में पुलिस ने दो कुख्यात अपराधियों, गोपाल साव (34) और गोविंद शर्मा (56), को गिरफ्तार किया।

बरामद हुए हथियार

गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल, देशी कट्टे और हथियार बनाने के अन्य उपकरण बरामद हुए। यह स्पष्ट करता है कि ये अपराधी न केवल हथियारों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे, बल्कि अवैध हथियार निर्माण में भी सक्रिय थे।

अपराधियों का इतिहास

गोविंद शर्मा का नाम पहले भी अवैध हथियार निर्माण और बिक्री के मामलों में आ चुका है। वह पहले भी जेल जा चुका है। दूसरी ओर, गोपाल साव भी एक लंबे आपराधिक इतिहास का हिस्सा है। दोनों अपराधियों ने पुलिस पूछताछ में अपने अपराध स्वीकार कर लिए हैं।

अवैध हथियार कारोबार का बढ़ता खतरा

झारखंड जैसे राज्यों में अवैध हथियारों का कारोबार एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। पिछले एक दशक में इस अवैध उद्योग ने कई जिलों में अपनी जड़ें फैला ली हैं। इन हथियारों का उपयोग स्थानीय स्तर पर होने वाले झगड़ों, लूटपाट, और अन्य आपराधिक गतिविधियों में किया जाता है।

इतिहास की झलक
भारत में अवैध हथियारों का कारोबार कोई नई बात नहीं है। 1980 और 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश और बिहार में अपराधी गिरोहों के लिए हथियार निर्माण का एक बड़ा केंद्र बन गए थे। झारखंड में भी नक्सलियों और स्थानीय गिरोहों ने इसे बढ़ावा दिया। पुलिस की सक्रियता के बावजूद यह समस्या चुनौती बनी हुई है।

पुलिस की रणनीति

मानगो पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि स्थानीय स्तर पर सतर्कता और प्रभावी खुफिया नेटवर्क से बड़े अपराधी गिरोहों पर काबू पाया जा सकता है। पुलिस ने यह भी बताया कि इस गिरोह के और भी सदस्य हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।

जनता की सुरक्षा पर असर

इस कार्रवाई से मानगो क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस ली है। पुलिस का दावा है कि इस ऑपरेशन से स्थानीय अपराधियों के मन में भय पैदा होगा और अवैध हथियार कारोबार पर लगाम लगेगी।

जमशेदपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों को सज़ा दिलाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि कानून के हाथ लंबे हैं। अवैध हथियार कारोबार के खिलाफ यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।

मानगो में पुलिस की यह कार्रवाई अपराध पर लगाम लगाने के लिए एक प्रभावी कदम है। इससे झारखंड में बढ़ते अवैध हथियार कारोबार पर नज़र रखने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत संदेश गया है।

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