जमशेदपुर में अभाविप ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, उपायुक्त कार्यालय के समक्ष किया धरना प्रदर्शन, कहा- विगत 5 वर्षों में शिक्षा वेंटिलेटर पर आ चुकी है
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 25 सितंबर 2024 को जमशेदपुर में सरकार की विफलताओं के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। अभाविप ने सरकार पर शिक्षा, रोजगार और महिला सुरक्षा के मोर्चे पर विफल होने का आरोप लगाया।
जमशेदपुर में 25 सितंबर 2024 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने झारखंड सरकार की विफलताओं के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोला। अभाविप के पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य वर्तमान सरकार की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा के मुद्दों पर विफलताओं को उजागर करना था।
अभाविप ने अपने धरना प्रदर्शन के दौरान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत 5 वर्षों में झारखंड की शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर आ चुकी है। महानगर मंत्री अभिषेक कुमार ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन सरकार ने शिक्षा, रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन आज, 5 वर्षों के बाद भी ये वादे पूरे नहीं हो सके हैं। राज्य की जनता अभी भी बेरोजगारी, कुपोषण और कमजोर प्रशासन की मार झेल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड के 40% लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, और 20% बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
प्रदर्शन में शामिल अन्य छात्र नेताओं ने भी सरकार की विफलताओं पर अपनी बात रखी। महानगर सह मंत्री रोशनी कुमारी ने कहा कि झारखंड की महिलाएं आज भी असुरक्षित महसूस कर रही हैं, और लवजिहाद और लैंड जिहाद जैसे मुद्दों से आदिवासी समाज को खतरा है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार आदिवासी समुदाय की जनसंख्या में गिरावट के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
शिक्षा पर गंभीर आरोप:
अभाविप ने शिक्षा की बदहाल स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्थायी कुलपति और प्रधानाचार्यों की कमी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलने के कारण झारखंड के छात्र अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ रहे हैं। विभाग सह संयोजक सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। पिछले 5 वर्षों में न तो राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार हुआ है और न ही छात्रों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिले हैं।
स्वास्थ्य और रोजगार पर सरकार की विफलता:
स्वास्थ्य व्यवस्था पर बात करते हुए कार्यक्रम संयोजक अभिषेक तिवारी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं भी चिंताजनक स्थिति में हैं। गरीब और शोषित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं है, और सरकारी अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के बजाय भ्रष्टाचार में लिप्त है, और लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है।
इसके अलावा, अभाविप ने बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण जैसे गंभीर मुद्दों को भी उठाया। झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के जिलों में अवैध घुसपैठ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और यह झारखंड के आदिवासी समाज के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। अभाविप ने सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की मांग की।
अभाविप ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से झारखंड सरकार को शिक्षा, रोजगार, महिला सुरक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कड़ी चेतावनी दी है। छात्र संगठन ने यह स्पष्ट किया है कि अगर सरकार ने जल्द ही इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया, तो उन्हें बड़े पैमाने पर आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है। इस धरना प्रदर्शन में जिला संयोजक विशाल वर्मा, विभाग संयोजक विकास बास्के, अभिषेक कुमार, सिद्धार्थ सिंह, बापन घोष, रोशनी कुमारी सहित कई अन्य छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
अभाविप का यह विरोध प्रदर्शन झारखंड सरकार के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जिसमें शिक्षा, रोजगार और अन्य प्रमुख मुद्दों पर ध्यान देने की मांग की गई है।
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