भारतीय हॉकी टीम ने फिर रचा इतिहास, ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर दिलाई पुरानी यादें
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में स्पेन को हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया। जानिए कैसे भारतीय टीम ने पिछड़ने के बाद की शानदार वापसी और इतिहास को फिर से किया जीवित।
भारतीय हॉकी टीम ने फिर रचा इतिहास, ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर दिलाई पुरानी यादें
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए स्पेन को हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है। 7.1 तीव्रता के भूकंप के झटकों के बीच में भारत ने खेल के मैदान पर अपनी धीरज और कौशल का परिचय दिया, और स्पेन को 2-1 से मात दी। भारतीय टीम ने इससे पहले साल 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था, और अब 2024 के इस ओलंपिक में लगातार दूसरी बार मेडल जीतकर इतिहास दोहराया है।
पिछड़ने के बाद की शानदार वापसी
इस रोमांचक मुकाबले की शुरुआत में ही भारतीय टीम को झटका लगा, जब स्पेन ने पहले क्वार्टर में पेनाल्टी स्ट्रोक से गोल कर दिया। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी। दूसरे क्वार्टर के आखिरी सेकेंड्स में, कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत को मुकाबले में वापस ला दिया।
हरमनप्रीत के गोल ने दिलाई बढ़त
तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया और जल्द ही एक और पेनाल्टी का मौका मिला। इस बार भी हरमनप्रीत सिंह ने कमान संभाली और दूसरा गोल दाग दिया। इस गोल के साथ ही भारतीय टीम ने बढ़त बना ली, जिसे उन्होंने अंत तक बरकरार रखा। दोनों टीमों ने अंत तक कई प्रयास किए, लेकिन भारतीय डिफेंस की मजबूत दीवार को तोड़ना स्पेन के लिए मुश्किल साबित हुआ।
भारतीय हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन
इस जीत के साथ, भारतीय हॉकी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपने शानदार प्रदर्शन को साबित किया है। सेमीफाइनल में जर्मनी से हार के बाद, भारत ने इस मुकाबले में जोश और जुनून के साथ खेला। स्पेन के खिलाफ इस जीत ने भारतीय हॉकी को एक बार फिर से गर्व का मौका दिया है।
भारतीय हॉकी का सुनहरा दौर
इस ब्रॉन्ज मेडल जीत के साथ ही, भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ दिया है। 1968 और 1972 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय टीम ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीता है।
भारत ने इस ओलंपिक में कुल चार मेडल अपने नाम किए हैं, और सभी ब्रॉन्ज मेडल हैं। यह जीत भारतीय हॉकी के लिए एक प्रेरणा है, जो एक बार फिर अपने पुराने गौरव को प्राप्त करने के लिए तैयार है।
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