टाटा मुख्य अस्पताल में अब घर बैठे मिलेंगी दवाइयां, जानिए कैसे करें अपडेट ?

टाटा स्टील कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के लिए एक क्रांतिकारी नई सेवा लेकर आई है! टाटा 1एमजी के साथ अपनी निर्धारित दवाएं सीधे अपने दरवाजे पर पहुंचाएं। यह सुविधाजनक सेवा कैसे काम करती है और पंजीकरण कैसे करें, यह जानने के लिए और पढ़ें।

Jul 4, 2024 - 23:57
टाटा मुख्य अस्पताल में अब घर बैठे मिलेंगी दवाइयां, जानिए कैसे करें अपडेट ?
टाटा मुख्य अस्पताल में अब घर बैठे मिलेंगी दवाइयां, जानिए कैसे करें अपडेट ?

जमशेदपुर: टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू की है। अब कंपनी के कर्मचारी, पूर्व कर्मचारी और उनके परिजन घर बैठे ही दवाइयां प्राप्त कर सकेंगे। यह सेवा टाटा 1एमजी के माध्यम से शुरू की गई है।

क्या है यह सुविधा?

इस सुविधा के तहत, टीएमएच के डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां मरीजों के घर तक पहुंचाई जाएंगी। मरीजों को दवाइयां लेने के लिए अस्पताल में लंबी लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं होगी।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

  • डॉक्टर के परामर्श के दौरान, डॉक्टर दवाएं लिखेंगे और फार्मेसी को भी निर्देश देंगे (यदि होम डिलीवरी की आवश्यकता है)।
  • टेलीफोन और वीडियो परामर्श या टेलीफोन पर दोहराई गई दवाओं के दौरान निर्धारित दवाएं डिफ़ॉल्ट रूप से घर पर वितरित की जाएंगी।
  • घर पहुंचाई जाने वाली दवाओं को ओपीडी फार्मासिस्ट द्वारा पैक किया जाएगा और टाटा 1एमजी द्वारा ओपीडी फार्मेसी काउंटर से उठाकर घर पहुंचाया जाएगा।
  • मरीजों को ओटीपी के माध्यम से दवाओं की पुष्टि करनी होगी।

कब मिलेगी दवा?

  • दोपहर 2 बजे तक लिखी गयी दवाओं की डिलीवरी शाम 3 से 5 बजे तक होगी।
  • शाम 6 बजे तक लिखी गयी दवाओं की डिलीवरी शाम 7 से 9 बजे तक होगी।

क्या है इस सुविधा का लाभ?

  • यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो बार-बार दवा लेने के लिए अस्पताल आते हैं।
  • इससे मरीजों का समय बचेगा और उन्हें दवा लेने के लिए अस्पताल में लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।

कैसे अपडेट करें अपना फोन नंबर?

  • सभी कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को टीएमएच विश्वास एप के माध्यम से अपने सारे दस्तावेज और जानकारी के साथ फोन नंबर को अपडेट करने को कहा गया है।

यह सुविधा अभी सिर्फ जमशेदपुर में ही उपलब्ध है।

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।