हिंदू का आह्वान: विपदा में एकजुटता का संदेश
बेइमानों की जात,
बदल रही हैं हालात।
कचछट कर जिस्म को बदला,
अब धरती की बारी है।
जागो हिंदू रक्षक सेना,
घर पर विपदा आई है।
पहले ही ये बात तुमको,
फिर इतिहास दुहरा रही है।
माँ-बहनों की रक्षा करना,
ये तुम्हारी ही जिम्मेदारी है।
खून अभी तक नहीं है खौला,
ये कैसी दुःख की बारी है।
कान खोलकर सुन लो सब,
हिंदू पर विपदा आई है।
द्वारा लिखित:
धर्मबीर सिंह
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