Hazaribagh Crime: बीमा के 75 लाख की लालच में खूनी साजिश! हजारीबाग में पत्नी को मारकर सड़क दुर्घटना का रूप देने वाला पति गिरफ्तार, हत्यारे मुकेश मेहता ने ससुराल वालों के सामने कबूल किया जुर्म, नाक दबाकर ली थी पत्नी की जान
हजारीबाग के पदमा प्रखंड में सड़क दुर्घटना में हुई महिला की मौत का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पति मुकेश कुमार मेहता ने 75 लाख रुपये के बीमा के लिए पत्नी की नाक और मुंह दबाकर हत्या कर दी और उसे सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है।
धन का लालच जब इंसानियत की सभी सीमाएं लांघ जाता है, तो रिश्तों का खूनी अंजाम देखने को मिलता है। झारखंड के हजारीबाग जिले के पदमा प्रखंड से एक ऐसी ही खौफनाक घटना सामने आई है, जिसने क्राइम थ्रिलर फिल्मों की कहानी को भी मात दे दी है। कुछ दिन पहले हथिया मोड़ पर सड़क किनारे मिली एक महिला की लाश, जिसे शुरू में सड़क दुर्घटना माना गया था, वह अब पति द्वारा बीमा के 75 लाख रुपये के लालच में की गई एक सोची-समझी हत्या साबित हुई है।
भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या एक जघन्य अपराध है, लेकिन जब यह हत्या सबसे करीबी रिश्ते में की जाती है और उसके पीछे केवल आर्थिक लालच होता है, तो यह समाज को गहराई तक झकझोर देता है। यह मामला बीमा राशि के लिए हत्या का एक क्लासिक उदाहरण है, जहां अपराधी ने पूरी योजना बनाकर जांच एजेंसियों को गुमराह करने की कोशिश की।
सड़क दुर्घटना नहीं, पति का खूनी खेल
9 अक्तूबर की रात नौ बजे पदमा के दोनईकला निवासी महावीर उर्फ मुंशी प्रसाद मेहता की पुत्री की लाश लाटी गांव के समीप सड़क किनारे मिली थी। मृतका के पति मुकेश कुमार मेहता वहीं बगल में बेहोश मिले थे। पुलिस समेत सभी ने इसे सड़क दुर्घटना माना था, लेकिन जांच में सामने आई बातों ने सभी को हैरान कर दिया।
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चौंकाने वाला खुलासा: जांच में पता चला कि आरोपी मुकेश मेहता ने अपनी पत्नी के नाम पर 75 लाख रुपये का एक बड़ा बीमा करा रखा था। बीमा की उसी बड़ी राशि को हथियाने के लिए उसने पत्नी को मारने की साजिश रची।
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हत्या की स्वीकृति: रविवार को जब ससुराल वाले आरोपी को थाने लाए, तो उसने अपनी पत्नी की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
नाक और मुंह दबाकर दी दर्दनाक मौत
मुकेश मेहता ने हत्या के तरीके का खुलासा करते हुए बताया कि उसने सड़क पर ही अपनी पत्नी की नाक और मुंह दबाकर सांस घोंट दी और उसकी हत्या कर दी।
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दुर्घटना का रूप: हत्या करने के बाद, उसने पत्नी के शव को सड़क पर लिटा दिया और खुद भी बेहोशी का नाटक करते हुए उसके बगल में लेट गया। उसका मकसद था कि पुलिस और स्थानीय लोग इस मामले को सिर्फ एक सड़क दुर्घटना मानकर जांच बंद कर दें और उसे बीमा की राशि मिल जाए।
पुलिस ने अब आरोपी पति मुकेश कुमार मेहता को हिरासत में ले लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि लालच और अंधाधुंध पैसा कमाने की इच्छा किसी भी व्यक्ति को कितना नीचे गिरा सकती है।
आपकी राय में, बीमा की राशि के लिए हत्या जैसी साजिशों को रोकने के लिए बीमा कंपनियों और जांच एजेंसियों को कौन से दो सबसे महत्वपूर्ण प्रमाणिक उपाय (Verification Measures) लागू करने चाहिए?
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