Graduate Workshop: शिक्षा और उन्नति पर विद्वानों का मंथन
ग्रेजुएट कॉलेज के दो दिवसीय वर्कशॉप में शिक्षा विशेषज्ञों ने नैक मूल्यांकन, ग्रीन एनर्जी और शैक्षणिक उन्नति पर चर्चा की। जानें वर्कशॉप की खास बातें।
26 नवंबर 2024 : जमशेदपुर के ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन में आयोजित दो दिवसीय वर्कशॉप के पहले दिन का आगाज़ दीप प्रज्वलन और कुलगीत के साथ हुआ। यह कार्यक्रम शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति और नवाचार को समर्पित था, जिसमें राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई विद्वानों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि और उनके विचार
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र भारती, डीन, सोशल साइंस संकाय ने शिक्षण संस्थानों को उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग से वित्त पोषण के लिए आवेदन करने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों और सेमिनारों के माध्यम से कॉलेजों की शैक्षणिक गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।
ग्रीन एनर्जी की पहल
यूनिवर्सिटी के फाइनेंस ऑफिसर डॉ. बी. के. सिंह ने कॉलेज परिसर में ग्रीन एनर्जी सोर्सेज की स्थापना का वादा किया। यह पहल शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
NAAC मूल्यांकन और उसकी अहमियत
प्रथम सत्र की मुख्य वक्ता, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग की उपनिदेशिका डॉ. विभा पांडे ने NAAC मूल्यांकन को हर कॉलेज के लिए शैक्षणिक योग्यता का आधार बताया। उन्होंने राज्य की भूमिका और नैक प्रक्रिया में उसकी जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नैक की मान्यता केवल कॉलेज की प्रतिष्ठा ही नहीं बढ़ाती, बल्कि इसे शैक्षणिक गुणवत्ता का प्रमाण भी बनाती है।
पुराने और नए NAAC सिस्टम का अंतर
दूसरे सत्र के वक्ता फादर डॉ. एम. के. जोश ने NAAC के पुराने और नए सिस्टम के अंतर को समझाया। उन्होंने मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए शैक्षणिक और प्रशासनिक लाभों पर जोर दिया।
मंच संचालन और आयोजन की रूपरेखा
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अर्चना सिन्हा और डॉ. स्मिता नंदी ने किया। आयोजन की रूपरेखा कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी, आयोजन सचिव डॉ. बनश्री दे, और संयुक्त सचिव डॉ. सुशीला हंसदा के नेतृत्व में तैयार की गई।
कार्यक्रम में विद्वानों की भागीदारी
इस वर्कशॉप में राज्य और देश के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से आए विद्वानों ने शिरकत की। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
- डॉ. संजीव कुमार सिंह (प्रभारी प्राचार्य, जै सी जैन कॉलेज, चाईबासा)
- डॉ. रियाज (प्राचार्य, करीम सिटी कॉलेज)
- डॉ. विजय कुमार पीयूष (प्राचार्य, एबीएम कॉलेज)
- डॉ. विष्णु शंकर प्रसाद (टाटा कॉलेज, चाईबासा)
- डॉ. अनुराधा वर्मा, डॉ. विशेश्वर यादव, और डॉ. संगीता वानकीरा (ग्रेजुएट कॉलेज के प्रोफेसर)
शैक्षणिक कार्यशालाओं का महत्व
ऐतिहासिक दृष्टि से, शैक्षणिक कार्यशालाएं न केवल शिक्षा के स्तर को बढ़ाती हैं, बल्कि नई पीढ़ी के शिक्षकों और छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती हैं। इस वर्कशॉप में प्रस्तुत विषय और विचारशील सत्र ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
समाप्ति और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर डोरिस दास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला की सराहना की और इसे शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और उन्नति के लिए एक सार्थक प्रयास बताया।
शिक्षा के नए आयाम
ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन की यह वर्कशॉप, शिक्षा के क्षेत्र में नए विचारों और योजनाओं को आगे बढ़ाने का एक शानदार प्रयास है। NAAC मूल्यांकन, ग्रीन एनर्जी, और शैक्षणिक नवाचारों पर चर्चा ने इसे और प्रभावशाली बनाया।
यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि शिक्षा केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
What's Your Reaction?