Jharkhand Politics: गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर लगे झूठे आरोपों को वापस हो, आजसू ने किया विरोध
गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर झूठे मुकदमे लगाने के खिलाफ आजसू ने आवाज उठाई, और सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की। जानें इस विवाद के बारे में।
हाल ही में गिरिडीह में हुए एक विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। आजसू के जिला प्रवक्ता अप्पू तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर झूठे आरोप लगाए जाने की कड़ी निंदा की है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब रैयतों और झामुमो के बीच झड़प हुई और झामुमो नेताओं और उनके समर्थकों ने आजसू सांसद के आवासीय कार्यालय में आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद आजसू पार्टी ने चंद्रप्रकाश चौधरी पर लगे बेगैरत आरोपों को लेकर राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की अपील
आजसू पार्टी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राज्य सरकार के पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वे सत्ता के दबाव में आकर अपनी कार्रवाई को प्रभावित न होने दें। अप्पू तिवारी ने यह भी बताया कि सांसद के ऊपर बेवजह झूठे मुकदमे लगाए गए हैं, जिससे उनकी मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि वे इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराएं और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी का नाम हटाने का आदेश दें।
आजसू कार्यकर्ताओं का आक्रोश
इस विवाद से आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। पार्टी के प्रदेशभर के कार्यकर्ता इस मुद्दे पर सड़क पर उतरने के लिए तैयार हैं। अप्पू तिवारी ने कहा कि वे अपने नेता चंद्रप्रकाश चौधरी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद पार्टी विरोध प्रदर्शन या आंदोलन का आह्वान कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि आजसू पार्टी इस पूरी स्थिति पर कड़ी निगाह रखे हुए है और समय आने पर अपने पुराने तेवर के साथ सामने आएगी।
झामुमो के खिलाफ कार्रवाई की मांग
प्रेस विज्ञप्ति में इस बात पर भी जोर दिया गया कि झामुमो के नेताओं और समर्थकों द्वारा की गई आगजनी की घटना को लेकर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। अप्पू तिवारी ने कहा कि यह घटना केवल आजसू पार्टी के सांसद पर हमला नहीं बल्कि पूरे पार्टी के सम्मान पर हमला है। वे इस घटना के जिम्मेदारों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
गिरिडीह की राजनीतिक पृष्ठभूमि
गिरिडीह, जो झारखंड राज्य के एक प्रमुख शहर के रूप में जाना जाता है, हमेशा से ही राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहां पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं। लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है, क्योंकि आजसू ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने सांसद के खिलाफ लगे झूठे आरोपों को स्वीकार नहीं करेंगे।
आजसू पार्टी की राजनीतिक मजबूती
आजसू पार्टी ने हमेशा से अपने कार्यकर्ताओं के लिए संघर्ष किया है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपने सांसद के समर्थन में खड़े हैं और उनका मानना है कि यह केवल राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा है, जिसमें उनके नेता को निशाना बनाया गया है।
आजसू का कहना है कि वे सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद रखते हैं और अगर यह नहीं किया जाता है, तो पार्टी अपने पुराने तेवर के साथ आंदोलन की शुरुआत कर सकती है।
आजसू का यह आंदोलन न केवल गिरिडीह में बल्कि राज्यभर में सुर्खियां बटोर सकता है। यह देखने वाली बात होगी कि क्या राज्य सरकार इस विवाद में निष्पक्ष जांच कर पाती है और क्या झामुमो के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या नहीं।
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