Jharkhand Tragedy: जिउतिया व्रत की तैयारी में करंट से महिला की मौत, तीन मासूम अनाथ

कोडरमा जिले के बलरोटांड़ में 15 सितंबर 2025 की रात जिउतिया व्रत की तैयारी के दौरान बिजली के करंट से 36 वर्षीय निर्मला देवी की मौत हो गई। हादसे ने पूरे गांव को झकझोर दिया। परिवार में तीन छोटे बच्चों का सहारा छिन गया।

Sep 15, 2025 - 18:39
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Jharkhand Tragedy: जिउतिया व्रत की तैयारी में करंट से महिला की मौत, तीन मासूम अनाथ
Jharkhand Tragedy: जिउतिया व्रत की तैयारी में करंट से महिला की मौत, तीन मासूम अनाथ

कोडरमा, 15 सितंबर 2025: कोडरमा जिले के बलरोटांड़ गांव में रविवार रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। जिउतिया व्रत की तैयारी कर रही 36 वर्षीय निर्मला देवी बिजली के करंट की चपेट में आ गईं। हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया है।

निर्मला देवी, जो अपने इकलौते पुत्र की लंबी उम्र की कामना लेकर निर्जला उपवास कर रही थीं, पूजा की तैयारी में जुटी थीं। स्नान करने के बाद उन्होंने गीले कपड़े सुखाने के लिए घर के अंदर तार पर डाले। तभी ऊपर से गुजर रहा एक कटा हुआ बिजली का तार उस तार से टकरा गया।

महिला नंगे पांव थीं। करंट सीधे उनके शरीर में गया और वे वहीं गिर पड़ीं। परिजनों ने उन्हें तुरंत कोडरमा सदर अस्पताल पहुँचाया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। निर्मला देवी अपने पीछे तीन छोटे बच्चों—एक पुत्र और दो पुत्रियों—को छोड़ गईं। अब इन बच्चों के सामने जीवन की कठिनाइयाँ खड़ी हो गई हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि पूजा की तैयारी के दौरान यह हादसा हुआ। सभी लोग व्रत को लेकर व्यस्त थे। किसी ने नहीं सोचा था कि इतनी बड़ी दुर्घटना घट जाएगी। घटना की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से लोग घटनास्थल पर पहुँचे।

ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कटे हुए तार खुले में लटके हुए हैं, जिससे बार-बार दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गाँव में मातम छा गया है। बच्चों के भविष्य को लेकर हर कोई चिंतित है। प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया है और बिजली विभाग से रिपोर्ट तलब की है।

यह घटना बिजली सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि टूटे तारों को तुरंत हटाया जाए और सुरक्षा के उचित उपाय किए जाएँ।

अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी इस त्रासदी से सबक लेकर आवश्यक कदम उठाता है। फिलहाल पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद पहुँचाने की कोशिशें की जा रही हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।