ग़ज़ल - 4 - रियाज खान गौहर, भिलाई
ग़ज़ल
हम सभी का जो दुश्मन बना कौन है
आग जिसने लगाई भला कौन है
कोई कुछ भी कहे मानता कौन है
अपनी मर्जी के आगे भला कौन है
हर कदम साथ तेरे चला कौन है
साथ दे कोई मेरे सिवा कौन है
दिल के अन्दर छुपाकर रखा है किसे
क्या ऐरादा है उसका बता कौन है
साथ जिसने दिया और कोई नही
वो तुम्ही थे तुम्हारे सिवा कौन है
आज के दौर में क्या समझ पाऐंगे
है भला कौन या फिर बुरा कौन है
बात जिसने हसीँ में उड़ा दी मिरी
ऐसे इन्सान से पूछता कौन है
हर गली और कूँचे चमकने लगे
कुछ बताऐं यहाँ से गया कौन है
आजकल दिल तो गौहर का पत्थर हुआ
देखना है इसे तोड़ता कौन है
गज़लकार
रियाज खान गौहर भिलाई
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