ED ने मनी लाउंड्रिंग के आरोपी अफसरों और नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की, झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर

ED ने मनी लाउंड्रिंग से जुड़े अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की। याचिका में आरोप, घोटाले और राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।

Nov 7, 2024 - 16:30
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ED ने मनी लाउंड्रिंग के आरोपी अफसरों और नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की, झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर
ED ने मनी लाउंड्रिंग के आरोपी अफसरों और नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की, झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर

रांची: मनी लाउंड्रिंग मामले में ईडी ने सीबीआई जांच की मांग की, झारखंड हाईकोर्ट में दायर की याचिका

7 नवम्बर 2024: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लाउंड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। ईडी ने याचिका में कहा कि मनी लाउंड्रिंग की जांच के दौरान कुछ अहम तथ्य सामने आए थे, जो पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा-66(2) के तहत राज्य सरकार को भेजे गए थे। हालांकि, राज्य सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और इसके बजाय ईडी के अधिकारियों पर ही मामला दर्ज करवा दिया।

ईडी की याचिका में क्या कहा गया?

ईडी की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि इस मामले में राज्य के विधि पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। याचिका में यह भी कहा गया कि मनी लाउंड्रिंग के मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर जांच सीबीआई से कराई जाए। ईडी ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार ने जिन सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, उनसे इनकार कर दिया और मामले में जांच में बाधा डालने की कोशिश की।

राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल

ईडी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामलों में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया। इसके अलावा, ईडी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार को पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा भेजी गई सूचनाओं के बारे में कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसके बावजूद, जांच में सहयोग देने के बजाय, राज्य सरकार ने ईडी के अधिकारियों के खिलाफ झूठे आरोपों में प्राथमिकी दर्ज करा दी।

ईडी के दावे और घोटाले

ईडी की याचिका में कई घोटालों का भी जिक्र किया गया है, जिनमें जमीन घोटाला, टेंडर घोटाला, मनरेगा घोटाला, अवैध खनन, ग्रामीण विकास विभाग में भ्रष्टाचार और बालू और शराब के अवैध कारोबार जैसी बातें शामिल हैं। इन सभी मामलों की जानकारी राज्य सरकार के साथ साझा की गई थी। हालांकि, राज्य सरकार ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

ईडी ने यह भी कहा कि राजस्व से जुड़े अधिकारियों के घर से कुछ दस्तावेज मिले थे, जिनमें छेड़छाड़ की गई थी। इन दस्तावेजों से संबंधित सूचनाएं भी राज्य सरकार को दी गई थीं, लेकिन सरकार ने इस पर भी कोई कदम नहीं उठाया।

पिछला अनुभव और राज्य सरकार की नाकामी

ईडी ने विजय मदन लाल चौधरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है। कोर्ट ने कहा था कि ईडी द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। हालांकि, राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

आगे की कार्रवाई

याचिका में राज्य सरकार के खिलाफ जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही, राज्य सरकार के प्रधान सचिव द्वारा जारी किए गए आदेश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसी द्वारा भेजे गए समन पर हाजिर होने से मना किया गया था।

अब हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई की जाएगी और यह देखा जाएगा कि राज्य सरकार के खिलाफ जांच किस दिशा में आगे बढ़ेगी।

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