जनसंपर्क अभियान में डॉ. अजय का नया वादा: कार्तिक उरांव की विरासत को आगे बढ़ाने की कसमें, आदिवासियों के उत्थान का संकल्प!
भुईंयाडीह में जनसंपर्क अभियान के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार ने स्वर्गीय कार्तिक उरांव को श्रद्धांजलि दी और आदिवासी समाज के विकास के लिए प्रतिबद्धता जताई। जानें कैसे डॉ. अजय ने कार्तिक उरांव की प्रेरणाओं को अपनाकर आदिवासी उत्थान के नए वादे किए हैं।
जमशेदपुर। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार ने मंगलवार को भुईंयाडीह और कल्याणनगर सहित टिनप्लेट में जनसंपर्क अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं और समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होंने बिरसानगर के ज्ञानदीप मैदान में आदिवासी समाज के महान नेता स्वर्गीय कार्तिक उरांव की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उनकी प्रेरणाओं को अपनाने का संकल्प लिया।
डॉ. अजय ने कार्तिक उरांव के आदिवासी समाज के विकास में किए गए कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि कैसे कार्तिक उरांव ने अपने जीवन को आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए समर्पित किया और उनके विचारों ने आदिवासी समाज में एक नई चेतना का संचार किया।
सरना धर्म कोड और आदिवासी पहचान की लड़ाई
इस मौके पर डॉ. अजय ने सरना धर्म कोड का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार ने आदिवासियों की धार्मिक पहचान को मान्यता देने के लिए सरना धर्म कोड विधेयक को विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया है, लेकिन मोदी सरकार ने इसे अब तक लागू नहीं किया। डॉ. अजय ने कहा कि आदिवासियों के उत्थान और उनकी धार्मिक पहचान की रक्षा के नाम पर सिर्फ़ ‘घड़ियाली आंसू’ बहाने से काम नहीं चलेगा, और यही आदिवासी समाज की असली पहचान और उनके अस्तित्व को मान्यता देने की लड़ाई है।
स्थानीय मुद्दों पर समाधान का वादा
अपने जनसंपर्क अभियान में डॉ. अजय ने भुईंयाडीह और टिनप्लेट इलाके के निवासियों की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र में विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कि स्वर्गीय कार्तिक उरांव के आदर्शों को आगे बढ़ाने का एक तरीका होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामाजिक और बुनियादी सुविधाओं की कमी, रोजगार, और शिक्षा के अवसरों को सुधारने के लिए एक ठोस योजना बनाई जाएगी।
डॉ. अजय ने जनता से अपील की कि वे उन्हें समर्थन दें ताकि वे आदिवासी समाज के उत्थान के लिए समर्पित अपने वादों को साकार कर सकें।
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