Dighiya Collision: स्पीड की सनक में गई जान, ऑटो पलटा, 2 घायल
दिघीया गांव के पास तेज रफ्तार केटीएम बाइक और ऑटो की टक्कर में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

रविवार शाम का समय था। लोग दिन भर की थकान के बाद घर लौटने की तैयारी में थे,
लेकिन झारखंड के लोहरदगा जिला स्थित दिघीया गांव के पास बेड़ो-लोहरदगा पथ पर ऐसा मंजर देखने को मिला
जिसे देखकर हर कोई सन्न रह गया।
एक तेज रफ्तार KTM बाइक ने पहले तो एक कार को ओवरटेक किया और फिर
बेपरवाह स्पीड में सामने चल रहे ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी।
नतीजा—एक युवक की मौत, और दो लोग गंभीर रूप से घायल।
हादसा कैसे हुआ? स्पीड बनी जानलेवा, पलटी ऑटो
घटना शाम 4:45 बजे की है।
ग्रामीणों के अनुसार, बाइक संख्या JH 01 FW 1239 इतनी तेज गति में थी कि
दिघीया गांव के पास एक कार को ओवरटेक करने के तुरंत बाद
ऑटो संख्या JH 08 E 3651 को पीछे से टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार रवि उरांव (20)
जिनका घर नवडीहा, थाना भंडरा में था,
मौके पर ही दम तोड़ बैठा।
बाइक पर पीछे बैठा उसका साथी आशीष उरांव (18) गंभीर रूप से घायल हो गया।
वहीं, टक्कर से ऑटो सड़क पर पलट गया,
और ऑटो चालक विनोद उरांव (35), ग्राम गडरपुर तेतरटोली थाना भंडरा निवासी भी बुरी तरह जख्मी हो गया।
सीएचसी से रिम्स तक पहुंचा दर्द, अब जिंदगी की जंग
घटना के बाद ग्रामीणों ने फुर्ती दिखाई और
घायलों को तुरन्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचाया।
हालत गंभीर देखते हुए ऑटो चालक विनोद उरांव को रिम्स रेफर कर दिया गया।
बाइक सवार आशीष का इलाज CHC में चल रहा है।
डॉक्टरों ने बताया कि समय रहते इलाज मिला, वरना दो और जानें जातीं।
स्पीड और स्टंट का खतरा: युवाओं में बढ़ती बाइकिंग की लत
KTM, Yamaha, Pulsar—इन बाइक्स की पहचान आज
रफ्तार और रुतबे से जुड़ी हुई है, लेकिन क्या ये बाइकें जिम्मेदारी के बिना चल सकती हैं?
रवि उरांव भी महज 20 साल का था, उसके पास जोश था, बाइक थी, लेकिन क्या समझ थी?
आजकल युवा स्टंट और स्पीड में इतने खो जाते हैं
कि सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं रह जाती।
क्या कहता है प्रशासन? जांच जारी, पर सवाल भी कई
घटना की सूचना मिलते ही एसआई अनिल टोप्पो मौके पर पहुंचे।
उन्होंने मृतक का शव कब्जे में लिया और दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है।
अब पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन क्या सिर्फ जांच से समाधान होगा?
बेड़ो-लोहरदगा पथ: दुर्घटनाओं का नया हॉटस्पॉट
यह कोई पहला हादसा नहीं है इस रास्ते पर।
बेड़ो-लोहरदगा रोड पर अक्सर तेज रफ्तार, खराब सड़क और अव्यवस्थित ट्रैफिक के कारण
हादसे आम हो चले हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है,
"इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर नहीं हैं, न ही कोई चौकसी। जब तक कोई बड़ा अधिकारी मरेगा, तब तक कुछ नहीं होगा।"
एक परिवार उजड़ गया, दो अस्पताल में जूझ रहे, क्या अब भी नींद में रहेगा सिस्टम?
रवि उरांव की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं,
बल्कि एक सिस्टम की असफलता है—जहां न तो ट्रैफिक कंट्रोल है,
न ही युवाओं को स्पीड के खतरे की समझ।
उसका परिवार अब कभी उसे लौटता नहीं देख पाएगा,
और दो घायल लोग—विनोद और आशीष—अब अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे हैं।
रफ्तार की कीमत क्या होती है, ये रवि की चिता ने बता दिया
इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि
सड़क पर रफ्तार से ज्यादा जरूरी है समझदारी और संयम।
वरना एक पल की गलती किसी का पूरा जीवन छीन सकती है।
क्या आपके इलाके में भी स्पीडिंग और ट्रैफिक की लापरवाही आम है?
अगर हां, तो इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
शायद जागरूकता से एक और जान बच जाए।
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