Dhanbad Theft: ट्रेन में चोरी, पकड़े जाने पर पथराव! चोरों की खतरनाक चालाकी का खुलासा
धनबाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन यात्रियों के लिए बड़ा खतरा! चलती ट्रेन में चोर गिरोह ने साजिश रचकर यात्रियों के ट्रॉली बैग और कीमती सामान चुरा लिए। जानें कैसे यात्रियों ने एक चोर को पकड़ लिया और पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ।

धनबाद: ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं! अपराधी अब यात्रियों के सामान चुराने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ताजा मामला धनबाद रेलवे स्टेशन से सामने आया है, जहां चोरों के एक गिरोह ने चलती ट्रेन में बड़ा हाथ मारने की साजिश रची।
कैसे हुआ चोरी का खौफनाक प्लान?
शनिवार तड़के, ट्रेन संख्या 22323 शब्दभेदी एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों के लिए यह सफर डरावना साबित हुआ। ट्रेन के एस-4 कोच में सफर कर रहे यात्रियों के ट्रॉली बैग गायब हो गए। इस गिरोह का एक चोर धनबाद से ट्रेन संख्या 12987 सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस में सवार हो गया, जबकि बाकी तीन चोर पहले से शब्दभेदी एक्सप्रेस में मौजूद थे।
योजना के तहत तेतुलमारी और निचितपुर स्टेशन के बीच, तीनों चोर चलती ट्रेन से उतर गए। वहीं, पीछे से आ रही सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस में बैठे उनके साथी ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकने की कोशिश की, ताकि उसके साथी उस ट्रेन में चढ़ सकें। लेकिन यात्रियों ने बहादुरी दिखाते हुए एक चोर को पकड़ लिया।
पकड़ाने पर चोरों ने की पथराव!
जब यात्रियों ने एक चोर को दबोच लिया, तो गिरोह के बाकी सदस्यों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। चोरों ने गार्ड पर भी हमला किया, जिससे अफरातफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) तुरंत हरकत में आई और जांच शुरू की।
फोन कॉल से खुली साजिश की पोल
कोलकाता निवासी आयुष जायसवाल ने रेलवे पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी। उनकी चाची आराधना जायसवाल, बुआ शीला जायसवाल और बहन रेणु जायसवाल शब्दभेदी एक्सप्रेस के एस-4 कोच में बर्थ नंबर 73, 76 और 79 पर यात्रा कर रही थीं।
जब ट्रेन धनबाद स्टेशन पर पहुंची, तो तीनों चोर ऊपर की बर्थ से नीचे उतरे। जैसे ही ट्रेन आगे बढ़ी, उन्होंने लाल और नेवी ब्लू रंग के दो ट्रॉली बैग चोरी कर लिए। इसके साथ ही, एक अन्य यात्री जनार्दन वानिक का स्मार्टफोन और पर्स भी गायब हो गया। इसके तुरंत बाद, अन्य यात्रियों ने बार-बार चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोकने की कोशिश की।
घटनास्थल से क्या-क्या मिला?
रेलवे पुलिस जब मौके पर पहुंची तो एक ट्रॉली बैग बरामद हुआ, जिसमें कपड़े, साड़ी और ज्वेलरी के खाली डिब्बे थे। दूसरे बैग में ₹11,000 नकद, कपड़े और अन्य कीमती सामान थे। इसके अलावा, एक नीला लेडीज पर्स और एक स्मार्टफोन भी बरामद किया गया।
पटना से आए थे अपराधी, पहले भी दे चुके हैं वारदात को अंजाम
जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य 6 मार्च को पटना स्टेशन से उपासना एक्सप्रेस पकड़कर आसनसोल पहुंचे थे। वहां से वे शब्दभेदी एक्सप्रेस के एस-4 कोच में सवार हुए और धनबाद तक आए।
गिरोह के सरगना सुमित मिश्रा ने अपने साथी बिट्टू कुमार (जहानाबाद निवासी) को धनबाद स्टेशन पर उतरने और सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस में चढ़ने को कहा था। योजना थी कि तेतुलमारी स्टेशन के पास चेन पुलिंग कर बाकी तीनों साथियों को ट्रेन में चढ़ा लिया जाए, ताकि वे गया स्टेशन तक आसानी से पहुंच सकें। लेकिन उनकी यह चालाकी काम नहीं आई, क्योंकि यात्रियों ने बिट्टू को पकड़ लिया।
गिरोह पहले भी कर चुका है कई वारदात
पूछताछ में बिट्टू ने कबूला कि गिरोह पहले भी आसनसोल से डीडीयू के बीच कई ट्रेनों में चोरी और लूटपाट को अंजाम दे चुका है। इस गिरोह का मुख्य मकसद यात्रियों के महंगे सामान, नकदी और गहने चुराना होता है।
रेलवे पुलिस कर रही जांच, अन्य आरोपियों की तलाश जारी
रेलवे पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों आकाश कुमार (जहानाबाद), सुमित मिश्रा और गुड्डू पासवान उर्फ बाबू साहब (बख्तियारपुर निवासी) की तलाश शुरू कर दी है।
रेलवे यात्रियों को अलर्ट रहने की जरूरत है। खासकर रात के सफर में अपने सामान का ध्यान रखें और संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत RPF को सूचना दें।
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