Dhanbad Land Scam : धनबाद में 10 करोड़ का बड़ा जमीन घोटाला उजागर, सरकारी कर्मियों पर गिरेगी गाज
धनबाद में 10 करोड़ का जमीन घोटाला उजागर। गोविंदपुर अंचल की चार एकड़ सरकारी जमीन को फर्जी डीड बनाकर 38 लोगों को बेचा गया। प्रशासन ने FIR का आदेश दिया, IAS विनय चौबे को शराब घोटाले में जमानत।

झारखंड के धनबाद जिले में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। गोविंदपुर अंचल के भेलाटांड़ मौजा में सरकारी जमीन की फर्जी डीड तैयार कर उसे बेच दिया गया। करीब चार एकड़ जमीन की प्लॉटिंग कर 38 लोगों को बिक्री की गई। आश्चर्यजनक बात यह रही कि इस जमीन की दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) भी करा दी गई थी। घोटाले की कुल कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है।
जिला प्रशासन की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद अब इस जमीन घोटाले में शामिल लोगों और सरकारी कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
कैसे हुआ जमीन घोटाला?
जानकारी के अनुसार, बीबीएमकेयू (बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय) के पीछे भेलाटांड़ मौजा की चार एकड़ 10 डिसमिल सरकारी जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेचा गया।
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जमीन का मूल खाता संख्या 271 और प्लॉट संख्या 220 था।
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धोखाधड़ी कर इसे नया खाता संख्या 273 और प्लॉट संख्या 220 बना दिया गया।
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इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करा कर इसे 38 खरीदारों को बेच दिया गया।
इस घोटाले में फर्जी खतियानधारी अमरचंद्र गोराईं और पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर राजीव रंजन उर्फ रवि यादव का नाम सामने आया है।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
धनबाद के उपायुक्त (डीसी) के आदेश पर अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने गोविंदपुर के सीओ को पत्र लिखकर तत्काल एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
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सीओ को आदेश दिया गया है कि 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करें।
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जमीन की रजिस्ट्री करने वाले सरकारी कर्मियों को चिह्नित कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए।
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दोषी अधिकारियों और बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई टुंडी विधायक मथुरा महतो की शिकायत पर शुरू हुई, जिसके बाद प्रशासन ने जांच की और पूरा घोटाला सामने आया।
जमीन खरीदार भी मुश्किल में
इस घोटाले का शिकार बने 38 लोगों ने जमीन खरीद ली थी, लेकिन अब जांच के बाद यह जमीन पूरी तरह सरकारी घोषित कर दी गई है। ऐसे में खरीदारों की रकम डूबने की संभावना है। वहीं प्रशासन खरीदारों से भी पूछताछ कर रहा है कि खरीद-बिक्री के दौरान उन्होंने दस्तावेजों की जांच क्यों नहीं की।
शराब घोटाले में निलंबित IAS को बेल
इधर, झारखंड प्रशासन से जुड़ी एक और बड़ी खबर आई है। निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को शराब घोटाले के एक मामले में जमानत मिल गई है। मंगलवार को एसीबी के विशेष न्यायालय ने उन्हें डिफॉल्ट बेल की सुविधा दी।
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एसीबी 90 दिनों में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी थी।
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इसके आधार पर चौबे ने जमानत की याचिका दी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
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उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने पड़े।
हालांकि राहत के बावजूद विनय चौबे अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि वे जमीन घोटाले के मामले में भी आरोपी हैं और इस केस में फिलहाल उनकी न्यायिक हिरासत जारी है।
जिला प्रशासन का सख्त रुख
धनबाद जिला प्रशासन ने साफ किया है कि ऐसे भूमि घोटाले किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अपर समाहर्ता ने कहा कि सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी, चाहे वे सरकारी पद पर हों या बाहरी लोग।
धनबाद में जमीन घोटाले का यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। करीब 10 करोड़ की सरकारी जमीन को बेचना और उसका म्यूटेशन कराना बड़ा सवाल खड़ा करता है कि आखिर इस पूरे खेल में कितने सरकारी कर्मियों की मिलीभगत रही होगी। अब देखने वाली बात होगी कि एफआईआर के बाद जांच किस मुकाम तक पहुंचती है और कितने बड़े नाम सामने आते हैं।
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