Ration Card Verification : पूर्वी सिंहभूम में राशन कार्डधारियों की जांच, अब तक 73 हजार नाम कटे, कई मामलों में सत्यापन जारी
पूर्वी सिंहभूम में अपात्र राशन कार्डधारियों की जांच में अब तक 73 हजार नाम काटे गए। संदिग्ध आधार प्रविष्टि, डुप्लीकेट और निष्क्रिय कार्डधारी सूची से बाहर। प्रशासन ने वास्तविक लाभुकों को राहत देने का आश्वासन दिया।

पूर्वी सिंहभूम जिले में अपात्र राशन कार्डधारियों की पहचान और नाम काटने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक करीब 73,090 अपात्र नाम राशन कार्ड सूची से हटाए जा चुके हैं। जिला आपूर्ति पदाधिकारी जुल्फिकार अंसारी ने बुधवार को प्रखंडवार जारी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया राज्य सरकार और जिला प्रशासन के निर्देश पर चल रही है ताकि वास्तविक पात्र परिवारों को खाद्यान्न का लाभ सुनिश्चित हो सके और डुप्लीकेट या अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया जा सके।
संदिग्ध आधार प्रविष्टियों पर कार्रवाई
जिले में 22,975 संदिग्ध आधार प्रविष्टियां चिन्हित की गई थीं। इनमें से
-
20,067 नाम हटाए जा चुके हैं।
-
शेष 2,746 मामलों का सत्यापन जारी है।
इस कार्रवाई से यह साफ होता है कि कई लाभुक एक ही आधार नंबर से बार-बार पंजीकरण करा रहे थे।
नाबालिग और 100 साल से अधिक आयु वालों पर जांच
रिपोर्ट के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र और 100 वर्ष से अधिक आयु वाले 16,399 एकल सदस्य राशन कार्डधारी चिन्हित हुए थे। इनमें से:
-
2,274 नाम काटे गए।
-
793 लाभुक योग्य पाए गए।
-
जबकि 13,332 मामलों का सत्यापन जारी है।
इससे स्पष्ट है कि कई मामलों में गलत जानकारी दर्ज कराकर राशन कार्ड बनवा लिया गया था।
6 माह से राशन नहीं लेने वाले
जिले में ऐसे लाभुकों की भी पहचान हुई है जो पिछले 6 माह या उससे अधिक समय से राशन नहीं ले रहे थे। इनकी संख्या 1,64,237 पाई गई। इनमें से:
-
50,323 नाम डिलीट किए गए।
-
576 लाभुक योग्य पाए गए।
-
शेष 1,13,338 मामलों का सत्यापन अभी चल रहा है।
सबसे ज्यादा ऐसे कार्डधारी जमशेदपुर शहरी क्षेत्र (68,565) और गोलमुरी-कम-जुगसलाई क्षेत्र (46,703) में पाए गए।
डुप्लीकेट लाभुकों की संख्या
प्रशासनिक जांच में यह भी सामने आया कि जिले में 25,321 डुप्लीकेट लाभुक हैं। इनमें से:
-
426 नाम काटे गए।
-
4009 लाभुक योग्य पाए गए।
-
जबकि 20,886 मामलों की जांच चल रही है।
उपायुक्त का सख्त रुख
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि अपात्र राशन कार्डधारियों की जांच और नाम हटाने की यह प्रक्रिया वास्तविक गरीब और पात्र परिवारों को योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से की जा रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि
-
डुप्लीकेट या फर्जी लाभुकों को सूची से हटाया जाएगा।
-
प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन का निर्देश दिया गया है।
-
खाद्यान्न वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
आम जनता पर असर
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद हजारों ऐसे परिवार सामने आए हैं, जिनका नाम राशन कार्ड सूची से हटाया गया है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि जिनका नाम गलत तरीके से हट गया है, वे पुनः जांच करवा सकते हैं।
वहीं, वास्तविक गरीब परिवारों को अब नए सिरे से राशन कार्ड बनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
पूर्वी सिंहभूम जिले में चल रही यह प्रक्रिया झारखंड सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जिसके तहत राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और मजबूत बनाने का प्रयास हो रहा है। अब तक 73 हजार से अधिक अपात्र लाभुकों के नाम हटाए गए हैं, जबकि हजारों मामलों में सत्यापन जारी है। आने वाले दिनों में इस अभियान के और सख्त नतीजे सामने आ सकते हैं।
What's Your Reaction?






