Dhanbad Violence Clash: अंतिम संस्कार के दौरान दो गुटों में भयंकर भिड़ंत, दर्जनों घायल!

धनबाद के भाटडीह घाट पर अंतिम संस्कार को लेकर दो गुटों में जबरदस्त हिंसा! लाठी-डंडों से हुई मारपीट, एक दर्जन से अधिक घायल। प्रशासन ने लगाया धारा 144। पढ़ें पूरी खबर।

Mar 17, 2025 - 19:01
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Dhanbad Violence Clash: अंतिम संस्कार के दौरान दो गुटों में भयंकर भिड़ंत, दर्जनों घायल!
Dhanbad Violence Clash: अंतिम संस्कार के दौरान दो गुटों में भयंकर भिड़ंत, दर्जनों घायल!

धनबाद: दामोदर नदी का भाटडीह घाट शुक्रवार को एक सनसनीखेज विवाद का गवाह बना, जब एक वृद्ध महिला के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में जबरदस्त मारपीट हो गई। इस खूनी झड़प में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग करना पड़ा और हालात को काबू में लाने के लिए धारा 144 लागू करनी पड़ी

कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह घटना धनबाद के महुदा थाना अंतर्गत भाटडीह ओपी क्षेत्र की है। शुक्रवार की सुबह 90 वर्षीय सुषनी देवी का निधन हो गया। शाम को उनके बेटे अनिल बाउरी और कुमारडीह (थानेदार टोला) के ग्रामीण श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे।

इसी दौरान नदी में स्नान कर रही कुछ महिलाओं ने उन्हें शव को घाट से दूर जलाने के लिए कहा। मगर कुमारडीह के ग्रामीणों ने इसे मानने से इनकार कर दिया और वहीं अंतिम संस्कार शुरू कर दिया। महिलाओं ने इस घटना की सूचना भाटडीह धौड़ा के लोगों को दी, जिसके बाद मामला झगड़े में बदल गया

अचानक भड़की हिंसा
भाटडीह धौड़ा के लोग घाट पहुंचे और शव जला रहे ग्रामीणों से भिड़ गए। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और दर्जनों लोग घायल हो गए

पुलिस ने मोर्चा संभाला

घटना की सूचना मिलते ही महुदा इंस्पेक्टर ममता कुमारी, भाटडीह ओपी, महुदा थाना, कपुरिया, सोनारडीह और धर्माबांध ओपी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल स्थिति को नियंत्रण में लिया और दोनों पक्षों को शांत कराया।

हालांकि, मामला यहीं नहीं रुका। शनिवार सुबह कुमारडीह के ग्रामीण बड़ी संख्या में भाटडीह धौड़ा पहुंचे और फिर से मारपीट शुरू कर दी। इसमें कई महिलाएं और पुरुष घायल हो गए।

इतिहास में ऐसे विवाद पहले भी हुए हैं!

यह पहली बार नहीं है जब किसी श्मशान घाट को लेकर झगड़ा हुआ होझारखंड और बिहार के कई इलाकों में श्मशान घाट को लेकर विवाद होते रहे हैं

  • 2018 में बोकारो जिले में भी इसी तरह का एक विवाद हुआ था, जहां अंतिम संस्कार के स्थान को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे।
  • 2021 में रांची में भी श्मशान घाट की ज़मीन को लेकर दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी

धार्मिक और सामाजिक परंपराओं की वजह से अक्सर श्मशान घाटों को लेकर विवाद खड़े होते हैं, जो कभी-कभी हिंसा का रूप ले लेते हैं।

घायलों की सूची और धारा 144

इस झगड़े में दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं।
कुमारडीह पक्ष से घायल:

  • शत्रुघन बाउरी
  • बिरबल बाउरी
  • आनंद बाउरी
  • सागर बाउरी
  • संतोष बाउरी

भाटडीह धौड़ा पक्ष से घायल:

  • रमेश बाउरी
  • विक्की बाउरी
  • लक्ष्मी देवी
  • देवंती देवी

प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भाटडीह और कुमारडीह में धारा 144 लागू कर दी और इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया

ग्रामीणों ने निकाला समाधान

शुक्रवार की शाम को दोनों पक्षों के लोगों ने बैठक कर मामले को सुलझा लिया। यह भी गौर करने वाली बात है कि किसी भी पक्ष ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है

इस घटना से क्या सीख मिलती है?

सामाजिक विवादों को बातचीत से हल किया जाए, न कि हिंसा से।
प्रशासन को श्मशान घाटों के लिए स्पष्ट नियम बनाने चाहिए ताकि ऐसे झगड़े न हों।
अगर कोई विवाद हो, तो पुलिस और प्रशासन को तुरंत सूचना दें।

धनबाद के इस विवाद ने सामाजिक तानाबाना और धार्मिक रीति-रिवाजों के टकराव को उजागर किया हैश्मशान घाटों को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं, और भविष्य में इससे बचने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।