Dhanbad ACB Action : एसीबी की बड़ी कार्रवाई – रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मी रंगे हाथ गिरफ्तार!
धनबाद में एसीबी की कार्रवाई में दो सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। जानें पूरी कहानी और एसीबी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बारे में ताजा अपडेट।
धनबाद:झारखंड में भ्रष्टाचार पर लगातार सख्त नजर रखने वाले एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने धनबाद में एक बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी की टीम ने पुराना उपायुक्त कार्यालय स्थित लेखाकार कार्यालय में छापेमारी करते हुए दो सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह मामला एक बार फिर से सरकारी दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करता है और एसीबी की कड़ी कार्रवाई का संकेत देता है।
रिश्वत के आरोपी सरकारी कर्मी – संजय कुमार और सोमनाथ चटर्जी
गिरफ्तार किए गए कर्मियों में प्रधान सहायक संजय कुमार और अनुबंध सहकर्मी सोमनाथ चटर्जी शामिल हैं। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति से जमीन के कागजात की नकल निकालने के बदले में रिश्वत ली थी। यह रिश्वत की राशि 6,500 रुपये थी, जो दोनों ने मिलकर ली थी।
मामला कैसे सामने आया?
संजय कुमार ने 20 दिसंबर को मनोहर महतो से उनकी टुंडी स्थित जमीन के कागजात की नकल निकालने के लिए रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद मनोहर महतो ने एसीबी में लिखित शिकायत दर्ज कराई। महतो का आरोप था कि यदि वह रिश्वत नहीं देंगे, तो उनके काम में अड़चन डाली जाएगी।
एसीबी को मिली शिकायत के बाद टीम ने मामले का सत्यापन किया और शिकायत को सही पाया। इसके बाद एसीबी की टीम ने तत्काल छापेमारी की योजना बनाई। शुक्रवार को एसीबी के अधिकारियों ने संजय कुमार और सोमनाथ चटर्जी को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी की कार्रवाई में क्या हुआ?
गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने संजय कुमार के घर पर भी छापा मारा। भिस्तीपाड़ा स्थित देवालय अपार्टमेंट में स्थित उनके फ्लैट पर की गई छापेमारी में कोई संदिग्ध सामग्री नहीं मिली, लेकिन यह कार्रवाई एसीबी की सख्त निगरानी और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उसके कड़े इरादों को साफ दर्शाती है।
एसीबी के डीएसपी जितेंद्र कुमार ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि यह एसीबी का 11वां ट्रैप है, जिसमें रिश्वत लेने वालों को रंगे हाथ पकड़ा गया। उन्होंने यह भी कहा कि एसीबी का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान
एसीबी की इस कार्रवाई को धनबाद में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में एसीबी ने कई ऐसे मामलों का खुलासा किया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने रिश्वत लेने की कोशिश की। यह कार्रवाई यह साबित करती है कि एसीबी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है।
धनबाद जैसे विकसित हो रहे शहर में सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने के मामले चिंता का विषय बन गए हैं। लेकिन एसीबी की त्वरित कार्रवाई और इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी सजा की संभावना से यह संकेत मिलता है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता से डिगने वाली नहीं है।
आगे की कार्रवाई और उम्मीदें
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एसीबी इस मामले में और किन पहलुओं की जांच करती है और क्या इन अधिकारियों के खिलाफ आगे और अधिक सबूत मिलते हैं। इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि एसीबी केवल भ्रष्टाचार पर नजर नहीं रखता, बल्कि उसे खत्म करने के लिए जरूरी कदम भी उठाता है।
यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। एसीबी की इस कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि झारखंड में अब भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं होगा।
क्या आप भी एसीबी की इस कार्रवाई का समर्थन करते हैं? क्या आपको लगता है कि इससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जाएगा? इस खबर को शेयर करें और अपनी राय हमें बताएं!
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