Deoghar Cyber Fraud: पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले 12 आरोपी गिरफ्तार, फर्जी अधिकारी बनकर ऐसे देते थे झांसा

देवघर में पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले 12 आरोपी गिरफ्तार, जानिए कैसे फर्जी अधिकारी बनकर देते थे झांसा।  

Mar 1, 2025 - 14:44
Mar 1, 2025 - 15:04
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Deoghar Cyber Fraud: पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले 12 आरोपी गिरफ्तार, फर्जी अधिकारी बनकर ऐसे देते थे झांसा
Deoghar Cyber Fraud: पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले 12 आरोपी गिरफ्तार, फर्जी अधिकारी बनकर ऐसे देते थे झांसा

देवघर, झारखंड: पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले 12 आरोपियों को देवघर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह ठगी करने वाले गिरोह सारवां थाना क्षेत्र के दुलीरायडीह गांव के पास जंगल में छिपे हुए थे, जहां पुलिस ने छापेमारी कर उन्हें पकड़ा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 11 वयस्क और एक किशोर शामिल है। इन पर पीएम किसान योजना के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप है।  

 कैसे हुई गिरफ्तारी?  
देवघर साइबर थाने की विशेष टीम को गुप्त सूचना मिली कि एक गिरोह पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने सारवां थाना क्षेत्र के दुलीरायडीह गांव के पास जंगल में छापेमारी की। इस दौरान 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड और प्रतिबिंब एप में दर्ज नंबर वाला एक सिम कार्ड बरामद किया गया।  

पुलिस के अनुसार, इन मोबाइल नंबरों के खिलाफ पहले से ही ऑनलाइन शिकायतें दर्ज थीं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।  

कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?  
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सारवां थाना क्षेत्र के दासडीह गांव के सनोज कुमार महरा, अजय कुमार महरा, कैलाश महरा, मनोज कुमार महरा, खरवा गांव के रोहित दास, अधीर दास, दुधवाजोरी गांव के दीपक कुमार महरा, पवन कुमार, राहुल कुमार, झुनाकी हरिजन टोला के विक्रम कुमार दास और पथरा गांव के बिट्टू कुमार दास शामिल हैं।  

कैसे करते थे ठगी?  
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी क्रेडिट कार्ड अधिकारी, बैंक अधिकारी और कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बनकर लोगों को फोन करते थे। वे पीएम किसान योजना के तहत लाभार्थियों से संपर्क करके उन्हें केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर झांसा देते थे। इसके बाद वे लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे।  

आरोपियों ने यह भी बताया कि वे लोगों को ऑनलाइन लिंक भेजकर उनके व्यक्तिगत डेटा और बैंक विवरण चुराते थे। इस डेटा का इस्तेमाल करके वे लोगों के खातों से पैसे ट्रांसफर कर देते थे।  

 पुलिस की कार्रवाई  
इस मामले में देवघर साइबर थाने के इंस्पेक्टर सुकांत त्रिपाठी, एसआई अजय कुमार, सारवां थाना प्रभारी संदीप कुमार भगत और सशस्त्र पुलिस बल की टीम ने मिलकर कार्रवाई की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साइबर थाने में केस दर्ज किया और उन्हें कोर्ट में पेश किया।  

साइबर ठगी का इतिहास और वर्तमान  
साइबर ठगी भारत में पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ ठगों के तरीके भी बदल गए हैं। पहले ठग सिर्फ फोन कॉल या एसएमएस के जरिए लोगों को ठगते थे, लेकिन अब वे सोशल मीडिया, ईमेल और फर्जी वेबसाइट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।  

पीएम किसान योजना के नाम पर ठगी करने वाले यह गिरोह भी इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल कर रहा था। यह योजना किसानों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन ठगों ने इसका गलत फायदा उठाया।  

 पुलिस की सलाह  
देवघर पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस के अनुसार, किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले कॉल या मैसेज पर विश्वास नहीं करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति खुद को बैंक अधिकारी या सरकारी अधिकारी बताकर व्यक्तिगत जानकारी मांगे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।  


देवघर में पीएम किसान योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है। यह मामला साइबर ठगी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का एक अवसर भी है। अगर आप या आपके परिवार के किसी सदस्य को इस तरह की ठगी का शिकार होने का संदेह है, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।  

साइबर ठगी से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात स्रोत से आने वाली जानकारी पर विश्वास न करें।  

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।