Delhi Felicitation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड चुनाव आयोग को किया सम्मानित
नई दिल्ली में आयोजित 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड चुनाव आयोग को सम्मानित किया। जानें झारखंड के योगदान और आगामी चुनावों की तैयारी।
नई दिल्ली। 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड चुनाव आयोग को सम्मानित किया। यह सम्मान आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 के सफल संचालन में झारखंड के जिला प्रशासन, मतदाताओं और अधिकारियों के योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का ऐतिहासिक महत्व
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र में मतदाताओं की भूमिका और उनके अधिकारों को पहचानने का प्रतीक है। 1950 में इसी दिन भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी, जिसने देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभाली।
झारखंड का विशेष योगदान
इस बार का राष्ट्रीय मतदाता दिवस झारखंड के लिए खास रहा। झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सफल संचालन सुनिश्चित करने के लिए झारखंड चुनाव आयोग ने तकनीक, जागरूकता और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी। झारखंड के जिलों में मतदाता जागरूकता अभियानों से लेकर सुचारू चुनाव प्रक्रिया तक हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया गया।
राष्ट्रपति से सम्मान का गौरव
कार्यक्रम में झारखंड चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मान प्राप्त करना राज्य के लिए गर्व का विषय है। इस सम्मान ने झारखंड में मतदाता जागरूकता और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के प्रति किए गए प्रयासों की सराहना की है।
मतदाता जागरूकता पर जोर
इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक मतदाता का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने झारखंड के नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में चुनाव प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए हर नागरिक ने अपनी भूमिका निभाई।
2024 चुनाव की तैयारी पर चर्चा
झारखंड में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आगामी चुनावों में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक और व्यापक जनसंपर्क अभियानों का इस्तेमाल किया जाएगा।
लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने का प्रयास
कार्यक्रम के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे भारत जैसे विशाल देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करते हैं। झारखंड चुनाव आयोग ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इतिहास की झलक
भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की परंपरा को सशक्त बनाने में भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका अद्वितीय रही है। 1951 में देश का पहला आम चुनाव हुआ, जिसमें 17 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया। तब से अब तक भारत ने लोकतंत्र को मजबूत करते हुए चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की हैं।
नागरिकों के लिए संदेश
कार्यक्रम के अंत में झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी नागरिकों से अपने मताधिकार का सही उपयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा, "एक वोट न केवल सरकार बनाता है, बल्कि देश के भविष्य को आकार देने में मदद करता है।"
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