Delhi Parliament News: शीतकालीन सत्र का आगाज़, विपक्ष और सरकार के बीच टकराव तय!

नयी दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा। सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक समेत 15 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। जानिए विपक्ष और सरकार के बीच संभावित मुद्दे।

Nov 24, 2024 - 18:16
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Delhi Parliament News: शीतकालीन सत्र का आगाज़, विपक्ष और सरकार के बीच टकराव तय!
Delhi Parliament News: शीतकालीन सत्र का आगाज़, विपक्ष और सरकार के बीच टकराव तय!

24 नवंबर 2024 :नयी दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। सत्र से एक दिन पहले, रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच सत्र के दौरान चर्चा होने वाले मुद्दों पर बात हुई।

सर्वदलीय बैठक: विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल

सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य विपक्ष को सत्र के एजेंडे से अवगत कराना और सहयोग प्राप्त करना था। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक चिंताओं, क्षेत्रीय मुद्दों और मणिपुर हिंसा पर चर्चा की संभावना जताई गई। यह बैठक एक संकेत है कि सत्र के दौरान बहस और हंगामे की संभावना बनी हुई है।

शीतकालीन सत्र में क्या है खास?

मोदी सरकार इस बार शीतकालीन सत्र में 15 विधेयक पेश करने की तैयारी में है। इनमें से पांच नए विधेयक हैं, जिनमें एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला विधेयक भी शामिल है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर टिकी निगाहें

सत्र का सबसे चर्चित विषय वक्फ (संशोधन) विधेयक हो सकता है। यह विधेयक मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। जेपीसी को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का कड़ा विरोध किया है। जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग भी की गई है, जिससे सत्र के दौरान हंगामे की संभावना और बढ़ गई है।

75वीं वर्षगांठ पर खास आयोजन

शीतकालीन सत्र के दौरान, संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की एक झलक पेश करेगा।

इतिहास में झलक: भारतीय संसद के सत्र और संघर्ष

भारत में संसद के सत्र हमेशा महत्वपूर्ण विधायी कार्य और राजनीतिक बहस के केंद्र रहे हैं। विशेषकर शीतकालीन सत्र, जहां कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। 1975 के आपातकाल के बाद के सत्र और 2016 का विमुद्रीकरण चर्चा के प्रमुख उदाहरण हैं।

सत्र में संभावित मुद्दे और हंगामा

  1. वक्फ (संशोधन) विधेयक: विपक्ष का विरोध और मुस्लिम संगठनों की आपत्ति।
  2. मणिपुर हिंसा: राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल और बहस।
  3. आर्थिक चिंताएं: महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा।
  4. राष्ट्रीय सुरक्षा: चीन और पाकिस्तान से जुड़ी सीमावर्ती चुनौतियां।

विपक्ष और सरकार के बीच टकराव तय

इस सत्र में मोदी सरकार विपक्ष के साथ सामंजस्य बनाने की कोशिश करेगी, लेकिन विपक्ष का आक्रामक रवैया सत्र को चुनौतीपूर्ण बना सकता है। वक्फ विधेयक, मणिपुर हिंसा और अन्य मुद्दों पर गरमागरमी की संभावना है।

क्या देखना होगा खास?

  • वक्फ (संशोधन) विधेयक पर सरकार की रणनीति।
  • विपक्ष के मुद्दे और उनका विरोध।
  • संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष आयोजन।

संसद का शीतकालीन सत्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इस बार का सत्र विधायी कार्यों के साथ-साथ राजनीतिक बहस और संभावित टकरावों के लिए यादगार बन सकता है। क्या सरकार विपक्ष का समर्थन हासिल कर पाएगी, या यह सत्र हंगामे की भेंट चढ़ेगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।