डैम में जलसंचय से किसान की धान की फसल बर्बाद, मुआवजे की गुहार

गालूडीह बराज डैम में जलसंचय से किसान भीम कैवर्त की धान की फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने स्वर्णरेखा परियोजना के अधीक्षण अभियंता से मुआवजे की मांग की है।

Sep 6, 2024 - 16:08
Sep 6, 2024 - 18:44
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डैम में जलसंचय से किसान की धान की फसल बर्बाद, मुआवजे की गुहार
डैम में जलसंचय से किसान की धान की फसल बर्बाद, मुआवजे की गुहार

तारीख: 6 सितंबर 2024

गालूडीह के बराज डैम में जलसंचय के कारण उलदा पंचायत के काशीडीह गांव के किसान भीम कैवर्त की 15 डिसमिल में लगी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। डैम का पानी बढ़ने से धान के पौधे तीन फुट तक डूब गए हैं। किसान भीम कैवर्त का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी और अब फसल बर्बाद होने के बाद कर्ज चुकाने की चिंता उन्हें सता रही है।

भीम कैवर्त ने बताया कि अगर पानी का स्तर और बढ़ता है, तो आस-पास के अन्य खेत भी जलमग्न हो सकते हैं, जिससे और किसानों की फसलें बर्बाद होंगी। उन्होंने इस फसल बर्बादी की सूचना पंचायत सदस्य नगेंद्र महतो को दी। किसान ने स्वर्णरेखा परियोजना के अधीक्षण अभियंता को मुआवजे के लिए आवेदन भी सौंपा है।

भीम कैवर्त ने बताया, "मैंने अपने 15 डिसमिल जमीन में धान की फसल लगाई थी, जो नदी से काफी दूर है। लेकिन विभाग द्वारा जबरन डैम का गेट बंद कर पानी संचय किया जा रहा है, जिससे मेरी फसल पानी में डूब गई। यदि पानी कम नहीं हुआ, तो और किसानों की फसल भी नष्ट हो सकती है।"

पिछले साल भी डैम में पानी भरने के कारण कई किसानों की फसलें डूब गई थीं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ था। किसानों ने तब भी मुआवजे के लिए अधीक्षण अभियंता को आवेदन दिया था, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला। हालांकि इस साल अधिकारियों ने फसल नुकसान की जांच के बाद मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

किसान भीम कैवर्त को उम्मीद है कि इस बार प्रशासन उनकी मदद करेगा, ताकि वे अपना कर्ज चुका सकें और भविष्य में खेती कर सकें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।