Mumbai Mafia: क्रिकेटर को दाऊद के नाम से धमकी! रिंकू सिंह से मांगी गई ₹10 करोड़ की फिरौती, D-कंपनी के गुर्गे को त्रिनिदाद से लाया गया
क्रिकेटर रिंकू सिंह से दाऊद इब्राहिम की D-कंपनी के नाम पर ₹10 करोड़ की फिरौती मांगने का खुलासा हुआ है। एनसीपी नेता जीशान सिद्दीकी को धमकी देने के मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद दिलशाद नौशाद ने पूछताछ में यह कबूल किया। नौशाद को मुंबई पुलिस त्रिनिदाद और टोबैगो से प्रत्यर्पित करके लाई थी।
भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह से जुड़ी एक ऐसी बड़ी खबर सामने आई है, जिसने क्रिकेट जगत और अपराध की दुनिया के बीच के खतरनाक गठजोड़ को फिर से उजागर कर दिया है। देश के सबसे कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के गिरोह D-कंपनी का नाम लेकर रिंकू सिंह से सीधे ₹10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी!
यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब मुंबई पुलिस ने दिवंगत एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी को धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी मोहम्मद दिलशाद नौशाद से पूछताछ की। दिलशाद नौशाद को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी मेहनत की, जिसके बाद उसे त्रिनिदाद और टोबैगो से प्रत्यर्पित (Extradite) करके भारत लाया गया था।
₹10 करोड़ की फिरौती, D-कंपनी का नाम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जीशान सिद्दीकी के मामले की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी दिलशाद नौशाद का नेटवर्क सिर्फ एक पीड़ित तक सीमित नहीं था। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि उसने भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह के इवेंट मैनेजर को भी धमकी भरा ईमेल भेजा था और उनसे ₹10 करोड़ की फिरौती मांगी थी।
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खतरे का पैटर्न: दोनों ही मामलों में आरोपी ने खुद को सीधे दाऊद इब्राहिम की D-कंपनी का सदस्य बताया।
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जान से मारने की धमकी: ईमेल में साफ कहा गया था कि अगर फिरौती की रकम नहीं दी गई, तो रिंकू सिंह और जीशान सिद्दीकी को जान से मार दिया जाएगा। जीशान के मामले में तो ईमेल में यहाँ तक लिखा गया था कि उनका अंजाम उनके दिवंगत पिता बाबा सिद्दीकी जैसा होगा।
यह स्पष्ट है कि अपराधी ने जानबूझकर मुंबई के हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाया, ताकि उसका खौफ और रकम वसूली की संभावना बढ़ जाए।
अंतर्राष्ट्रीय जांच और प्रत्यर्पण
मुंबई पुलिस ने इस मामले में पहली बार ऐसी कड़ी कार्रवाई की है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाकर अपराधियों को पकड़ने की उनकी क्षमता को दर्शाती है।
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आरोपी की पहचान: बिहार के दरभंगा निवासी 33 वर्षीय मोहम्मद दिलशाद नौशाद को धमकी के लिए जिम्मेदार पाया गया।
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प्रत्यर्पण: पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे त्रिनिदाद और टोबैगो से प्रत्यर्पित कराया और भारत लाया गया।
जीशान सिद्दीकी ने अप्रैल 2025 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच में यह भी सामने आया कि धमकी भरे ईमेल 19 से 21 अप्रैल 2025 के बीच भेजे गए थे। इन ईमेल्स में आरोपी ने न सिर्फ D-कंपनी का नाम इस्तेमाल किया, बल्कि जांच को गुमराह करने की भी कोशिश की थी।
अब सवाल यह है कि क्या यह आरोपी दिलशाद सचमुच D-कंपनी का सदस्य है, या फिर किसी इंटरनेशनल लोकेशन पर बैठकर वह सिर्फ दाऊद के नाम का फायदा उठाकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहा था? मुंबई पुलिस इस मामले की जड़ों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है।
आपकी राय में, हाई-प्रोफाइल लोगों को मिलने वाली फिरौती की धमकियों को रोकने के लिए पुलिस को सोशल मीडिया और ईमेल पर किस तरह की विशेष निगरानी रखनी चाहिए?
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